sabar mantra sadhana. विचित्र है. इसका प्रयोग बहुत ही व्यापक है इन साधनों का प्रयोग देवी देवताओं की सिद्धि से लेकर विभिन्न रोगों के निदान के लिए भी किया जाता है.ये मंत्र सरल होने के कारण लोकप्रिय भी हैं.
बुधवार, 8 जनवरी 2020
शनिवार, 4 जनवरी 2020
श्री त्रिपुर सुंदरी शाबर मंत्र
।। महाविद्या षोडशी-त्रिपुर
सुन्दरी शाबर मंत्र ।।
ॐ निरञ्जन निराकार अवधू
मूल द्वार में बन्ध लगाई ।
पवन पलटे गगन समाई,
ज्योति मध्ये
ज्योत ले स्थिर हो भई ।
ॐ मध्याः उत्पन्न भई ।
उग्र त्रिपुरा सुन्दरी शक्ति आवो शिवधर
बैठो,
मन उनमन,
बुध सिद्ध चित्त में
भया नाद ।
तीनों एक त्रिपुर सुन्दरी भया प्रकाश ।
हाथ चाप शर धर एक हाथ अंकुश ।
त्रिनेत्रा अभय मुद्रा योग भोग की मोक्षदायिनी ।
इडा पिंगला सुषम्ना देवी ।
नागन
जोगन त्रिपुर सुन्दरी ।
उग्र बाला, रुद्र बाला ,
तीनों
ब्रह्मपुरी में भया उजियाला ।
योगी के घर जोगन बाला, ब्रह्मा
विष्णु शिव की माता ।
श्री त्रिपुर सुंदरी मंत्र
श्रीं ह्रीं क्लीं । ऐं
सौः ॐ । ह्रीं श्रीं ।
कएईलह्रीं । हसकहल ह्रीं । सकल ह्रीं ।
श्रीं ह्रीं । ॐ सोः ऐं । क्लीं ह्रीं श्रीं ।
विधि :-
- रात्री काल मे जाप करें ।
- आर्थिक तथा वैवाहिक सुख प्रदायक ।
बुधवार, 1 जनवरी 2020
नव वर्ष पर : विश्वशान्ति हेतु : शान्ति स्तोत्र
सभी पाठकों को
नववर्ष 2020
की शुभकामनायें
विश्वशान्ति हेतु : शान्ति स्तोत्र
नश्यन्तु प्रेत कूष्माण्डा नश्यन्तु दूषका नरा: ।
साधकानां शिवाः सन्तु आम्नाय परिपालिनाम ॥
जयन्ति मातरः सर्वा जयन्ति योगिनी गणाः ।
जयन्ति सिद्ध डाकिन्यो जयन्ति गुरु पन्क्तयः ॥
जयन्ति साधकाः सर्वे विशुद्धाः साधकाश्च ये ।
समयाचार संपन्ना जयन्ति पूजका नराः ॥
नन्दन्तु चाणिमासिद्धा नन्दन्तु कुलपालकाः ।
इन्द्राद्या देवता सर्वे तृप्यन्तु वास्तु देवतः ॥
चन्द्रसूर्यादयो देवास्तृप्यन्तु मम भक्तितः ।
नक्षत्राणि ग्रहाः योगाः करणा राशयश्च ये ॥
सर्वे ते सुखिनो यान्तु सर्पा नश्यन्तु पक्षिणः ।
पशवस्तुरगाश्चैव पर्वताः कन्दरा गुहाः ॥
ऋषयो ब्राह्मणाः सर्वे शान्तिम कुर्वन्तु सर्वदा ।
स्तुता मे विदिताः सन्तु सिद्धास्तिष्ठन्तु पूजकाः ॥
ये ये पापधियस्सुदूषणरतामन्निन्दकाः पूजने ।
वेदाचार विमर्द नेष्ट हृदया भ्रष्टाश्च ये साधकाः ॥
दृष्ट्वा चक्रम्पूर्वमन्दहृदया ये कौलिका दूषकास्ते ।
ते यान्तु विनाशमत्र समये श्री भैरवास्याज्ञया ॥
द्वेष्टारः साधकानां च सदैवाम्नाय दूषकाः ।
डाकिनीनां मुखे यान्तु तृप्तास्तत्पिशितै स्तुताः ॥
ये वा शक्तिपरायणाः शिवपरा ये वैष्णवाः साधवः ।
सर्वस्मादखिले सुराधिपमजं सेव्यं सुरै संततम ॥
शक्तिं विष्णुधिया शिवं च सुधियाश्रीकृष्ण बुद्धया च ये ।
सेवन्ते त्रिपुरं त्वभेदमतयो गच्छन्तु मोक्षन्तु ते ॥
शत्रवो नाशमायान्तु मम निन्दाकराश्च ये ।
द्वेष्टारः साधकानां च ते नश्यन्तु शिवाज्ञया ।
तत्परं पठेत स्तोत्रमानंदस्तोत्रमुत्तमम ।
सर्वसिद्धि भवेत्तस्य सर्वलाभो प्रणाश्यति ॥
इस स्तोत्र का पाठ इस भावना के साथ करें कि हमारी पृथ्वी पर सर्व विध शांति हो.
मंगलवार, 31 दिसंबर 2019
कामाख्या शक्तिपीठ का वस्त्र : तंत्र बाधा की अचूक काट
असम के कामाख्या शक्तीपीठ को तंत्र साधनाओं का मूल माना जाता है । ऐसा माना जाता है की यहाँ देवी का योनि भाग गिरा था और इसे योनि पीठ या मातृ पीठ की मान्यता है ।
चौथे दिन माता के मंदिर का द्वार खुलता है। माता के भक्त और साधक दिव्य प्रसाद पाने के लिए बेचैन हो उठते हैं। यह दिव्य प्रसाद होता है लाल रंग का वस्त्र जिसे माता राजस्वला होने के दौरान धारण करती हैं। माना जाता है वस्त्र का टुकड़ा जिसे मिल जाता है उसके सारे कष्ट और विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं।
https://www.amarujala.com/spirituality/religion/kamakhya-mandir-ambubachi-mela
यदि आपको इस वस्त्र का एक धागा भी मिल जाये तो उसके निम्न लाभ माने जाते हैं :-
- इसे ताबीज मे भरकर पहन लें तंत्र बाधा यानि किए कराये का असर नहीं होगा।
- यह सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है।
- इसे धरण करने से आकर्षण बढ़ता है।
- आपसी प्रेम मे वृद्धि तथा गृह क्लेश मे कमी आती है ।
- इसे साथ रखकर किसी भी कार्य या यात्रा मे जाएँ तो सफलता की संभावना बढ़ जाएगी ।
- दुकान के गल्ले मे लाल कपड़े मे बांध कर रखें तो व्यापार मे अनुकूलता मिलेगी ।
रविवार, 22 दिसंबर 2019
तंत्र बाधा के लिए काली शाबर मंत्र
काली काली महाकाली ,
ब्रह्मा की बेटी इंद्र की साली,
दोनों हाथ बजावे ताली |
हंकिनी डंकिनी को भस्म करे ,
अल्लाह बिस्मिल्लाह को भस्म करे |
नौ नाथ चौरासी सिद्धों को भस्म करे ,
नौ नरसिंह सोलह सीन्डुओं को भस्म करे |
बावन वीर , चौंसठ योगिनी को भस्म करे |
अस्सी मसान , नब्बे भैरों को भस्म करे |
लगे लगाए को भस्म करे |
भेजे भेजाये को भस्म करे |
भूत प्रेत पिशाच डाकिनी शाकिनी को भस्म करे |
चले काली का खंडा, दुष्ट राक्षस का उड़ जाए मुंडा |
जादू जंतर मंतर तंतर को कर दे भस्म |
जय काली कलकत्ते वाली मेरा वचन न जाये खाली
|
तेरी आन गुरु की शान फुरो मंत्र ईश्वरी वाचा ।
- ग्रहण काल मे 1008 बार जपकर सिद्धि करें ।
- प्रयोग मे मंत्र को 11 बार पढ़कर मोरपंख से झाड़ा दें ।
शनिवार, 21 दिसंबर 2019
रक्षा हेतु हनुमान शाबरमंत्र
साधना मे रक्षा हेतु हनुमान शाबरमंत्र
· इस शाबर मंत्र
को किसी शुभ दिन जैसे ग्रहण, होली, रवि पुष्य योग, गुरु पुष्य योग मे1008 बार जप कर सिद्ध कर ले ।
·
इस मंत्र का जाप आप एकांत/हनुमान मंदिर/अपने घर मे
करें |
·
हनुमान जी का विधी विधान से पुजन करके 11 लड्डुओ
का भोग लगा कर जप शुरू कर दे । जप समाप्त होने पर हनुमान जी को प्रणाम करे |
त्रुटियों के लिए क्षमा प्रार्थना कर लें |
·
जब भी आप कोई साधना करे |तो मात्र 7 बार इस
मंत्र का जाप करके रक्षा घेरा बनाने से स्वयं हनुमान जी रक्षा करते है ।
· इस मंत्र का 7 बार जप
कर के ताली बजा देने से भी पूर्ण तरह से रक्षाहोती है ।
इस मंत्र को सिद्ध करने के बाद रोज इस मंत्र की 1 माला
जाप करने पर इसका तेज बढ़ता जाता है और टोना
जादु साधक पर असर नही करते ।
मंत्र :-
॥ ओम नमो वज्र का कोठा, जिसमे पिंण्ड हमारा पैठा,
ईश्वर कुंजी ब्रम्हा का ताला, मेरे आठो अंग का यति हनुमंत वज्र वीर रखवाला ।
मंत्र :-
॥ ओम नमो वज्र का कोठा, जिसमे पिंण्ड हमारा पैठा,
ईश्वर कुंजी ब्रम्हा का ताला, मेरे आठो अंग का यति हनुमंत वज्र वीर रखवाला ।
सोमवार, 16 दिसंबर 2019
सूर्यग्रहण विशेष : तंत्र रक्षा नारियल
आपने देखा होगा की लगभग सभी दुकानों में लाल कपडे में नारियल बांधकर लटकाया जाता है, कई घरों में भी ऐसा किया जाता है. यह स्थान देवता की पूजा और गृह रक्षा के लिए किया जाता है.
सूर्यग्रहण के अवसर पर अपने घर मे गृह शांति और रक्षा के लिए एक विधि प्रस्तुत है जिसके द्वारा आप अपने घर पर पूजन करके नारियल बाँध सकते हैं.
आवश्यक सामग्री :-
लाल कपडा सवा मीटर
नारियल
सामान्य पूजन सामग्री
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यदि आर्थिक रूप से सक्षम हों तो इसके साथ रुद्राक्ष/ गोरोचन/केसर भी डाल सकते हैं.
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- वस्त्र/आसन लाल रंग का हो तो पहन लें यदि न हो तो जो हो उसे पहन लें.
- सबसे पहले शुद्ध होकर आसन पर बैठ जाएँ. हाथ में जल लेकर कहें " मै [अपना नाम ] अपने घर की रक्षा और शांति के लिए यह पूजन कर रहा हूँ मुझपर कृपा करें और मेरा मनोरथ सिद्ध करें."
- इतना बोलकर हाथ में रखा जल जमीन पर छोड़ दें. इसे संकल्प कहते हैं.
- नारियल पर मौली धागा [अपने हाथ से नापकर तीन हाथ लम्बा तोड़ लें.] लपेट लें.
- लपेटते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें." ॐ श्री विष्णवे नमः"
- अब अपने सामने लाल कपडे पर नारियल रख दें. पूजन करें.
- लोबान का धुप या अगरबत्ती जलाएं .
- नारियल के सामने निम्नलिखित मंत्र का 108 बार जाप करें ।
"ॐ नमो आदेश गुरून को इश्वर वाचा अजरी बजरी बाडा बज्जरी मैं बज्जरी को बाँधा, दशो दुवार छवा और के ढालों तो पलट हनुमंत वीर उसी को मारे, पहली चौकी गणपति दूजी चौकी में भैरों, तीजी चौकी में हनुमंत,चौथी चौकी देत रक्षा करन को आवे श्री नरसिंह देव जी शब्द सांचा पिंड कांचा फुरो मंत्र इश्वरी वाचा"
अब इस नारियल को अन्य पूजन सामग्री के साथ लाल कपडे में लपेट ले. आपका रक्षा नारियल तय्यार है. इसे आप दशहरा, दीपावली, पूर्णिमा, अमावस्या या अपनी सुविधानुसार किसी भी दिन घर की छत में हुक हो तो उसपर बांधकर लटका दें. यदि न हो तो पूजा स्थान में रख लें. नित्य पूजन के समय इसे भी अगरबत्ती दिखाएँ.
महाविद्या तारा शाबर मंत्र
ॐ आदि योग अनादि माया ।
जहाँ पर ब्रह्माण्ड उत्पन्न भया ।
ब्रह्माण्ड समाया ।
आकाश मण्डल ।
तारा त्रिकुटा
तोतला माता तीनों बसै ।
ब्रह्म कापलि, जहाँ पर
ब्रह्मा विष्णु महेश उत्पत्ति, सूरज मुख तपे ।
चंद मुख अमिरस
पीवे,
अग्नि मुख जले,
आद कुंवारी हाथ
खण्डाग गल मुण्ड माल,
मुर्दा मार ऊपर खड़ी देवी तारा ।
नीली
काया पीली जटा,
काली दन्त में जिह्वा दबाया ।
घोर तारा अघोर
तारा,
दूध पूत का भण्डार भरा ।
पंच मुख करे हा हा ऽऽकारा,
डाकिनी शाकिनी भूत पलिता
सौ सौ कोस दूर भगाया ।
चण्डी तारा फिरे
ब्रह्माण्डी
तुम तो हों तीन लोक की जननी ।
तारा मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं स्त्रीं हूँ फट्
विधि :-
- रात्री काल मे जाप करें ।
- अपनी क्षमतानुसार 1,11,21,51,108 बार ।
- व्यापार और आर्थिक समृद्धि के लिए लाभदायक ।
- जप काल मे किसी स्त्री का अपमान न करें ।
बुधवार, 11 दिसंबर 2019
महाकाली शाबर मंत्र
प्रथम ज्योति महाकाली
प्रगटली ।
ॐ निरंजन निराकार अवगत
पुरुष तत सार,
तत सार मध्ये ज्योत,
ज्योत
मध्ये परम ज्योत,
परम ज्योत मध्ये उत्पन्न भई माता
शम्भु
शिवानी काली ओ काली काली महाकाली,
कृष्ण वर्णी, शव वाहनी, रुद्र की पोषणी,
हाथ
खप्पर खडग धारी,
गले मुण्डमाला हंस मुखी ।
जिह्वा ज्वाला
दन्त काली ।
मद्यमांस कारी श्मशान की राणी ।
मांस खाये रक्त-पी-पीवे ।
भस्मन्ति
माई जहाँ पर पाई तहाँ लगाई ।
सत की नाती , धर्म की बेटी ।
इन्द्र की साली , काल की काली ।
जोग की जोगीन, नागों की नागीन ।
मन माने तो संग रमाई, नहीं तो
श्मशान फिरे ।
अकेली चार वीर अष्ट भैरों, घोर काली अघोर काली ।
अजर महाकाली ।
बजर अमर काली ।
भख जून
निर्भय काली ।
बला भख, दुष्ट को भख,
काल भख, पापी पाखण्डी को भख ।
जती सती को रख ।
ॐ काली
तुम बाला ना वृद्धा, देव ना दानव, नर
ना नारी देवीजी तुम तो हो परब्रह्मा काली ।
मूल मंत्र -
क्रीं क्रीं क्रीं हूं
हूं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा ।
विधि -
- महाकाली की कृपा प्रदान करेगा ।
- अपनी क्षमतानुसार 1, 3,9,11,21,51,108 बार जाप रात्रिकाल मे करें।
- धूप जलाकर रखें ।
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