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मंगलवार, 9 जून 2020

कामाख्या शक्तिपीठ का वस्त्र : तंत्र बाधा की अचूक काट







असम के कामाख्या शक्तीपीठ को तंत्र साधनाओं का मूल माना जाता है । ऐसा माना जाता है की यहाँ देवी का योनि भाग गिरा था और इसे योनि पीठ या मातृ पीठ की मान्यता है । 

यहाँ का प्रमुख पर्व है अंबुवाची मेला जब प्रत्येक वर्ष तीन दिनों के लिए यह मंदिर पूरी तरह से बंद रहता है। माना जाता है कि माँ कामाख्या इस बीच रजस्वला होती हैं। और उनके शरीर से रक्त निकलता है। इस दौरान शक्तिपीठ की अध्यात्मिक शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए देश के विभिन्न भागों से यहां तंत्रिक और साधक जुटते हैं। आस-पास की गुफाओं में रहकर वह साधना करते हैं।

चौथे दिन माता के मंदिर का द्वार खुलता है। माता के भक्त और साधक दिव्य प्रसाद पाने के लिए बेचैन हो उठते हैं। यह दिव्य प्रसाद होता है लाल रंग का वस्त्र जिसे माता राजस्वला होने के दौरान धारण करती हैं। माना जाता है वस्त्र का टुकड़ा जिसे मिल जाता है उसके सारे कष्ट और विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं।

https://www.amarujala.com/spirituality/religion/kamakhya-mandir-ambubachi-mela



यदि आपको इस वस्त्र का एक धागा भी मिल जाये तो उसके निम्न लाभ माने जाते हैं :-

  1. इसे ताबीज मे भरकर पहन लें तंत्र बाधा यानि किए कराये का असर नहीं होगा।
  2. यह सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। 
  3. इसे धरण करने से आकर्षण बढ़ता है। 
  4. आपसी प्रेम मे वृद्धि तथा गृह क्लेश मे कमी आती है । 
  5. इसे साथ रखकर किसी भी कार्य या यात्रा मे जाएँ तो सफलता की संभावना बढ़ जाएगी । 
  6. दुकान के गल्ले मे लाल कपड़े मे बांध कर रखें तो व्यापार मे अनुकूलता मिलेगी । 

बुधवार, 4 मार्च 2015

होलिका दहन : समस्त बाधाओं की शांति के लिए एक आसान सा प्रयोग

होलिका दहन की रात्रि विभिन्न साधनाओं के लिए एक अत्यंत ही विशिष्ट रात्रि है. इस रात्रि षटकर्म से सम्बंधित उग्र प्रयोग सबसे ज्यादा किये जाते हैं. समस्त प्रकार की बाधाओं की शांति के लिए एक आसान सा प्रयोग प्रस्तुत है :-

सामग्री :-
  1. एक पानी वाला नारियल.
  2. सवा मीटर काला/लाल कपडा .
  3. सिन्दूर.
  4. काले रंग का धागा ,लगभग 10 मीटर .
  5. एक कैंची .
विधि :-
होलिका दहन की शाम 6 से रात्रि 3 के बिच किसी भी समय इस प्रयोग को कर सकते हैं.
  • सबसे पहले गुरु मंत्र का २१ बार जाप करें. [यदि आपके कोई गुरु न हो तो " ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः " इस मंत्र का जप करें 


  • गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी को प्रणाम करें ] गुरुदेव से प्रार्थना करें की मेरी समस्त बाधाओं की शांति करें.
  • मंत्र जाप के बीच में उठना नहीं है , इसलिए पानी पेशाब पहले करके बैठें.
  • स्नान करना जरुरी नहीं है हाथ पैर धोकर बैठ सकते हैं.

  • अब सामने कपडे को बिछा लें.
  • नारियल को सामने रख लें .
  • अपनी बाधा का स्मरण कर अपने ऊपर इस काले धागे को लपेट दें.
  • अब ["ॐ भ्रम भैरवाय फट "] मंत्र का आधे घंटे तक जाप करें.
  • अब धागे को कैंची से काट दें काटते समय मन में भावना रखें की काल भैरव आपकी समस्त बाधाओं को काट रहे हैं.
  • नारियल को हाथ में लेकर इस मंत्र को ११ बार पढ़ें.
 "ॐ नमो आदेश गुरून को इश्वर वाचा अजरी बजरी बाडा बज्जरी मैं बज्जरी को बाँधा, दशो दुवार छवा और के ढालों तो पलट हनुमंत वीर उसी को मारे, पहली चौकी गणपति दूजी चौकी में भैरों, तीजी चौकी में हनुमंत,चौथी चौकी देत रक्षा करन को आवे श्री नरसिंह देव जी शब्द सांचा पिंड कांचा फुरो मंत्र इश्वरी वाचा"  

  • अब नारियल लेकर 7 बार सर से पैर तक यानि ऊपर से निचे फेर दें [इसे उतारा कहते हैं ]. 
  • गर्भवती स्त्री हो तो केवल सर पर सात बार घुमा दें ऊपर से निचे तक न लायें.
  • इस नारियल को कपडे के बीच रख दें. सिन्दूर से उसपर 9 बिंदियाँ लगायें.
  • अब काले धागे के कटे टुकड़ों को भी उसी कपडे में रख दें .
  • बचा हुआ सिन्दूर भी उसी में दाल दें  और कपडे की पोटली बना लें,
  • इस पोटली को रात्री में ही या फिर सुबह किसी निर्जन स्थान पर छोड़ दें और पीछे मुड़कर देखे बिना लौट आयें.
  • घर के बाहर हाथ पैर धो लें अपने ऊपर थोडा पानी छिड़क लें तब अन्दर घुसें.
  • पुनः पूजा स्थान में बैठकर १०८ बार भैरव मंत्र का जाप करें.
  • २१ बार गुरु मंत्र करें.
  • क्षमा प्रार्थना करें .
  • इस प्रकार आपका बाधा निवारण प्रयोग संपन्न होगा .
  • होली की रात्रि न कर पायें तो किसी भी अमावस्या को कर सकते हैं.
  •  

मंगलवार, 4 मार्च 2014

नजर हटाने का मंत्र

||दोहाई हनुमान की ! दोहाई हनुमान की ! दोहाई हनुमान की ! दोहाई हनुमान की ! दोहाई हनुमान की ! दोहाई लोना चमारिन की!  दोहाई पहलवान की!  दोहाई दुर्गा मैय्या की! नजर टोना टोटका सब साफ़ ख़तम ||

१००८ बार पढ़कर सिद्ध करें.
जाप काल में धुप दीप लगायें.
प्रयोग करते समय ५ बार पढ़कर फूंक दें.

सोमवार, 30 सितंबर 2013

नवरात्रि विशेष :शाबर महाकाली मंत्र

महाकाली मंत्र :-

||ॐ काली महाकाली कंकाली केलि कलाभ्याम स्वाहा ||


नवरात्रि में नित्य रात्रि १००८ बार जप करें.
नवमी के दिन १००८ बार घी से हवन करें.
सर्व बाधा निवारण के लिए प्रयोग किया जा सकता है.


बाद में प्रयोग करते समय १०८ बार लोबान से धुप दें. बाधा दूर होगी.