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शनिवार, 4 दिसंबर 2021

एक गोपनीय शाबर रक्षा मंत्र

 

एक गोपनीय शाबर रक्षा मंत्र

यह सद्गुरुदेव डा नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा दिया गया एक अद्भुत मंत्र है ..... 


ॐ रक्षो रक्ष महावीर !

काला गोरा भेरूँ! बल वहन करे !

वज्र सी देह रक्षा करे ! एडी सू चोटी चोटी सू एडी !

तणो वज्र निरधार झरे ! ठम ठम ठम !!!



इसे आप 108 बार जपकर सूर्यग्रहण के अवसर पर सिद्ध कर लें ।. 

इसका नित्य 3 बार जाप करते रहें तो आपके ऊपर किसी प्रकार का प्रयोग आदि होने पर उससे रक्षा होगी ।.

गुरुवार, 2 दिसंबर 2021

सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021

 

सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021


इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर यानी शनिवार सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगा.

मेरे गुरुदेव डा नारायण दत्त श्रीमाली जी ने अपने उद्बोधन में बताया था कि सूर्यग्रहण काल में की गई साधना हजार गुना ज्यादा लाभप्रद होती हैं ।

इसलिए ऐसे अवसर का लाभ हर साधक को उठाना चाहिए ।

बुधवार, 1 जुलाई 2020

गुरु दीक्षा

गुरु दीक्षा देते हुए सद्गुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी 


मंगलवार, 26 मई 2020

मैं गर्भस्थ बालक को चेतना देता हूँ

अभिमन्यु की कथा आपने सुनी होगी । उसने गर्भ मे ही चक्रव्युह का ज्ञान प्राप्त कर लिया था ....

विश्वविख्यात तंत्र विशेषज्ञ सद्गुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी द्वारा उन गोपनीय मंत्रों का उच्चारण किया गया है जिससे गर्भस्थ शिशु चेतना प्राप्त कर लेता है ...
गर्भस्थ शिशु को ज्ञानी तथा बुद्धिमान बनाने के लिए गर्भवती माता इसे सुने । 


सोमवार, 15 जुलाई 2019

श्री सदगुरु अष्टोत्तरशत नामावली

श्री सदगुरु अष्टोत्तरशत नामावली
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1) ॐ सदगुरवे नम:
2) ॐ अज्ञान नाशकाय नम:
3) ॐ अदंभिने नम:
4) ॐ अद्वैतप्रकाशकाय नम:
5) ॐ अनपेक्षाय नम:
06) ॐ अनसूयवे नम:
07) ॐ अनुपमाय नम:
08) ॐ अभयप्रदात्रे नम:
09) ॐ अमानिने नम:
10) ॐ अहिंसामूर्तये नम:
11) ॐ अहैतुकस्दयासिंधवे नम:
12) ॐ अहंकारनाशकाय नम:
13) ॐ अहंकारवर्जिताय नम:
14) ॐ आचार्येंद्राय नम:
15) ॐ आत्मसंतुष्टाय नम:
16) ॐ आनंदमूर्तये नम:
17) ॐ आर्जवयुक्ताय नम:
18) ॐ उचितवाचे नम:
19) ॐ उत्साहिने नम:
20) ॐ उदासीनाय नम:
21) ॐ उपरताय नम:
22) ॐ ऐश्वर्ययुक्ताय नम:
23) ॐ कृतकृत्याय नम:
24) ॐ क्षमावते नम:
25) ॐ गुणातीताय नम:
26) ॐ चारुवाग्विलासाय नम:
27) ॐ चारुहासाय नम:
28) ॐ छिन्नसंशयाय नम:
29) ॐ ज्ञानदात्रे नम:
30) ॐ ज्ञानयज्ञतत्पराय नम:
31) ॐ तत्त्वदर्शिने नम:
32) ॐ तपस्विने नम:
33) ॐ तापहराय नम:
34) ॐ तुल्यनिंदास्तुतये नम:
35) ॐ तुल्यप्रियाप्रियाय नम:
36) ॐ तुल्यमानापमानाय नम:
37) ॐ तेजस्विने नम:
38) ॐ त्यक्तसर्वपरिग्रहाय नम:
39) ॐ त्यागिने नम:
40) ॐ दक्षाय नम:
41) ॐ दांताय नम:
42) ॐ दृढव्रताय नम:
43) ॐ दोषवर्जिताय नम:
44) ॐ द्वंद्वातीताय नम:
45) ॐ धीमते नम:
46) ॐ धीराय नम:
47) ॐ नित्यसंतुष्टाय नम:
48) ॐ निरहंकाराय नम:
49) ॐ निराश्रयाय नम:
50) ॐ निर्भयाय नम:
51) ॐ निर्मदाय नम:
52) ॐ निर्ममाय नम:
53) ॐ निर्मलाय नम:
54) ॐ निर्मोहाय नम:
55) ॐ निर्योगक्षेमाय नम:
56) ॐ निर्लोभाय नम:
57) ॐ निष्कामाय नम:
58) ॐ निष्क्रोधाय नम:
59) ॐ नि:संगाय नम:
60) ॐ परमसुखदाय नम:
61) ॐ पंडिताय नम:
62) ॐ पूर्णाय नम:
63) ॐ प्रमाण प्रवर्तकाय नम:
64) ॐ प्रियभाषिणे नम:
65) ॐ ब्रह्मकर्मसमाधये नम:
66) ॐ ब्रह्मात्मनिष्ठाय नम:
67) ॐ ब्रह्मात्मविदे नम:
68) ॐ भक्ताय नम:
69) ॐ भवरोगहराय नम:
70) ॐ भुक्तिमुक्तिप्रदात्रे नम:
71) ॐ मंगलकर्त्रे नम:
72) ॐ मधुरभाषिणे नम:
73) ॐ महात्मने नम:
74) ॐ महावाक्योपदेशकर्त्रे नम:
75) ॐ मितभाषिणे नम:
76) ॐ मुक्ताय नम:
77) ॐ मौनिने नम:
78) ॐ यतचित्ताय नम:
79) ॐ यतये नम:
80) ॐ यद इच्छा लाभ संतुष्टाय नम:
81) ॐ युक्ताय नम:
82) ॐ रागद्वेषवर्जिताय नम:
83) ॐ विदिताखिलशास्त्राय नम:
84) ॐ विद्याविनयसंपन्नाय नम:
85) ॐ विमत्सराय नम:
86) ॐ विवेकिने नम:
87) ॐ विशालहृदयाय नम:
88) ॐ व्यवसायिने नम:
89) ॐ शरणागतवत्सलाय नम:
90) ॐ शांताय नम:
91) ॐ शुद्धमानसाय नम:
92) ॐ शिष्यप्रियाय नम:
93) ॐ श्रद्धावते नम:
94) ॐ श्रोत्रियाय नम:
95) ॐ सत्यवाचे नम:
96) ॐ सदामुदितवदनाय नम:
97) ॐ समचित्ताय नम:
98) ॐ समाधिकस्वर्जिताय नम:
99) ॐ समाहितचित्ताय नम:
100) ॐ सर्वभूतहिताय नम:
101) ॐ सिद्धाय नम:
102) ॐ सुलभाय नम:
103) ॐ सुशीलाय नम:
104) ॐ सुह्रदये नम:
105) ॐ सूक्ष्मबुद्धये नम:
106) ॐ संकल्पवर्जिताय नम:
107) ॐ संप्रदायविदे नम:
108) ॐ स्वतंत्राय नम:

!! इति श्री सदगुरु अष्टोत्तरशत नामावली !!

शुक्रवार, 1 मार्च 2019

शिवरात्रि : शाबर साधनाओं का सिद्ध मुहूर्त


  1. शिवरात्रि शाबर मन्त्रों के अधिपति भगवान् महादेव शिव का पर्व है |
  2. इसे शाबर साधनाएं सिद्ध करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है |
  3. इस अवसर पर आप विभिन्न मन्त्रों का 108 बार जाप करके जागरण कर सकते हैं |


बुधवार, 27 फ़रवरी 2019

गुरु के बिना साधना कैसे प्रारंभ करें

. कई बार ऐसा होता है कि हम किसी कारण वश गुरु बना नही पाते या गुरु प्राप्त नही हो पाते । कई बार हम गुरुघंटालों से भरे इस युग मे वास्तविक गुरु को पहचानने मे असमर्थ हो जाते हैं ।
ऐसे मे हमें क्या करना चाहिये ? 
बिना गुरु के तो साधनायें नही करनी चाहिये ? 
ऐसे हज़ारों प्रश्न हमारे सामने नाचने लगते हैं........ 

इसके लिये कुछ सहज उपाय है  :-


  • आप जिस देवी या देवता को इष्ट मानते हैं उसे ही गुरु मानकर उसका मन्त्र जाप प्रारंभ कर दें । उदाहरण के लिये यदि गणपति आपके ईष्ट हैं तो आप उन्हे गुरु मानकर " ऊं गं गणपतये नमः " मन्त्र का जाप करना प्रारम्भ कर लें ।
  • भगवान् शिव को गुरु मान लें | शिवरात्री से या किसी भी सोमवार से या गुरु पूर्णिमा से " हरि ॐ नमः शिवाय " मन्त्र का जाप करना प्रारम्भ कर लें | कम से कम एक साल तक चलते फिरते हर अवस्था में इस मन्त्र का जाप करते रहें | उसके बाद भगवान् शिव से अनुमति लेकर जिस देवी/देवता का मन्त्र जाप करना चाहते हों कर सकते हैं |

  • महामाया भगवती महाकाली को गुरु मान लें | कृष्ण जन्माष्टमी, नवरात्रि, शिवरात्री, होली ,या किसी भी अमावस्या से या गुरु पूर्णिमा से " क्रीं कालिकायै नमः " मन्त्र का जाप करना प्रारम्भ कर लें | कम से कम एक साल तक चलते फिरते हर अवस्था में इस मन्त्र का जाप करते रहें | उसके बाद भगवती महाकाली से अनुमति लेकर जिस देवी/देवता का मन्त्र जाप करना चाहते हों कर सकते हैं |



  • लेकिन निम्नलिखित साधनायें अपवाद हैं जिनको साक्षात गुरु की अनुमति तथा निर्देशानुसार ही करना चाहिये:-
    1. छिन्नमस्ता साधना ।
    2. शरभेश्वर साधना ।
    3. अघोर साधनाएं ।
    4. श्मशान साधना ।
    5. वाममार्गी साधनाएँ.
    6. भूत/प्रेत/वेताल/जिन्न/पिशाचिनी जैसी साधनाएँ.
      ये साधनायें उग्र होती हैं और साधक को कई बार परेशानियों का सामना करना पड्ता है ।  इन साधनाओं को किया हुआ गुरु इन परिस्थितियों में उस शक्ति को संतुलित कर लेता है अन्यथा कई बार साधक को पागलपन या मानसिक विचलन हो जाता है. और इस प्रकार का विचलन ठीक नहीं हो पाता. इसलिए बिना गुरु के ये साधनाएँ नहीं की जातीं . 

    इसी प्रकार मानसिक रूप से कमजोर पुरुषों /स्त्रियों/बच्चों को भी उग्र साधनाएँ गुरु के पास रहकर ही करनी चाहिए.

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    शाबर मन्त्र कुछ तथ्य :- 
    ·         इन मन्त्रों का संयोजन विभिन्न संतों और योगियों ने अलग अलग भाषाओँ में किया हैये लगभग सभी भाषाओँ में पाए जाते हैं.
    ·        इनका संयोजन अजीब होता है , कई बार ये निरर्थक शब्द जैसे लगते हैं पर उन्हें यथावत पढ़ना और प्रयोग करना चाहिए.
    ·        शाबर मंत्र की साधना में गुरु की आवश्यकता होती है. गुरु के साथ की गई साधनायें जल्द सफल होती हैं.
    ·        इन साधनों में आचार विचार की शुद्धता और पवित्रता से जल्द लाभ होता है.
    ·        शाबर मंत्र के जनक आदिदेव महादेव हैं , इसलिए हर साधना से पहले महादेव और पार्वती का पूजन अनिवार्य है. 
    ·        शाबर मन्त्रों में दुहाई दी जाती हैइसमें अपने गुरु ,महादेव पार्वती और इष्ट की दुहाई विशेष रूप से दी जाती है.
    शाबर मन्त्र साधनाएं कैसे करें 
    Y      सर्वश्रेष्ट तो यह है की आप गुरु खोजें और उनसे मंत्र प्राप्त करें.
    Y      गुरु मंत्र का 11000 जाप करें . फिर दूसरी साधना करें.
    Y      यदि गुरु न मिले तो निम्नलिखित मन्त्रों में से किसी एक मंत्र का 11000 जाप करें फिर साधना प्रारंभ करें.:-
    १] शिव पंचाक्षरी मंत्रम :-                   :: ॐ नमः शिवाय ::
    २] महाकाली बीज मंत्रम :-                          || ॐ क्रीं क्रीं क्रीं  ||
    ३] शिव शक्ति मंत्रम :-                                   || ॐ साम्ब सदाशिवाय नमः ||
    ४] शिव गुरु मंत्रम :-                                     || ॐ महादेवाय जगद्गुरुवे नमः ||
    जप कैसे करें:-
    • सामन्यतः रुद्राक्ष की माला आसानी से मिल जाती है आप उसी से जाप कर सकते हैं. गुरु मन्त्र का जाप करने के बाद उस माला को सदैव धारण कर सकते हैं.इस प्रकार आप मंत्र जाप की उर्जा से जुड़े रहेंगे और यह रुद्राक्ष माला एक रक्षा कवच की तरह काम करेगा.
    • गुरु मंत्र का नित्य जाप करते रहना चाहिए.
    • जप संख्या रोज एक सामान रखें तो बेहतर होगा . इष्ट गुरु तथा मन्त्र पर अगाध श्रद्धा रखें .
    • सभी मन्त्रों को ग्रहण जैसे विशेष अवसरों पर जाप करके जागृत करते रहना चाहिए
    मंत्र साधना करते समय सावधानियां
    Y      मन्त्र तथा साधना को गुप्त रखें, ढिंढोरा ना पीटें, बेवजह अपनी साधना की चर्चा करते ना फिरें .
    Y      गुरु तथा इष्ट के प्रति अगाध श्रद्धा रखें .
    Y      आचार विचार व्यवहार शुद्ध रखें.
    Y      बकवास और प्रलाप न करें.
    Y      किसी पर गुस्सा न करें.
    Y      यथासंभव मौन रहें.अगर सम्भव न हो तो जितना जरुरी हो केवल उतनी बात करें.
    Y      किसी स्त्री का चाहे वह नौकरानी क्यों न होअपमान न करें.
    Y      जप और साधना का ढोल पीटते न रहेंइसे यथा संभव गोपनीय रखें.
    Y      बेवजह किसी को तकलीफ पहुँचाने के लिए और अनैतिक कार्यों के लिए मन्त्रों का प्रयोग न करें.
    Y      ऐसा करने पर परदैविक प्रकोप होता है जो सात पीढ़ियों तक अपना गलत प्रभाव दिखाता है.
    Y      इसमें मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों का जन्म , लगातार गर्भपात, सन्तान ना होना , अल्पायु में मृत्यु या घोर दरिद्रता जैसी जटिलताएं भावी पीढ़ियों को झेलनी पड सकती है |
    Y      भूत, प्रेत, जिन्न,पिशाच जैसी साधनाए भूलकर भी ना करें , इन साधनाओं से तात्कालिक आर्थिक लाभ जैसी प्राप्तियां तो हो सकती हैं लेकिन साधक की साधनाएं या शरीर कमजोर होते ही उसे असीमित शारीरिक मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है | ऐसी साधनाएं करने वाला साधक अंततः उसी योनी में चला जाता है |
    गुरु और देवता का कभी अपमान न करें.

    ***********


    सोमवार, 26 फ़रवरी 2018

    होलिका दहन तन्त्र साधना

    .होलिका दहन तन्त्र साधनाओं का विशिष्ट सिद्ध मुहूर्त है :-
    • होलिका दहन कि रात्रि करें|
    • अपने सामने एक सूखा नारियल , एक कपूर की डली , 11 लौंग 11 इलायची, 1 डली लोबान या धुप रखें |
    • सरसों के तेल का दीपक जलाएं |
    • हाथ में नारियल लेकर अपनी मनोकामना बोलें | नारियल सामने रखें |
    • दक्षिण दिशा कीओर देखकर इस मन्त्र का 108 बार जाप करें |
    • अर्धरात्रि के बाद पूरी सामग्री होली कि अग्नि में डाल दें |


    || ॐ भ्रां भ्रीं भ्रूं भ्रः | ह्रां ह्रीं ह्रूं ह्रः |ख्रां ख्रीं ख्रूं ख्रः|घ्रां घ्रीं घ्रूं घ्र: | म्रां म्रीं म्रूं म्र: | म्रों म्रों म्रों म्रों | क्लों   क्लों क्लों क्लों |श्रों श्रों श्रों श्रों | ज्रों ज्रों  ज्रों ज्रों | हूँ हूँ हूँ हूँ| हूँ हूँ हूँ हूँ | फट | सर्वतो रक्ष रक्ष रक्ष रक्ष भैरव नाथ हूँ फट ||

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    शाबर मन्त्र कुछ तथ्य :- 
    ·         इन मन्त्रों का संयोजन विभिन्न संतों और योगियों ने अलग अलग भाषाओँ में किया हैये लगभग सभी भाषाओँ में पाए जाते हैं.
    ·        इनका संयोजन अजीब होता है , कई बार ये निरर्थक शब्द जैसे लगते हैं पर उन्हें यथावत पढ़ना और प्रयोग करना चाहिए.
    ·        शाबर मंत्र की साधना में गुरु की आवश्यकता होती है. गुरु के साथ की गई साधनायें जल्द सफल होती हैं.
    ·        इन साधनों में आचार विचार की शुद्धता और पवित्रता से जल्द लाभ होता है.
    ·        शाबर मंत्र के जनक आदिदेव महादेव हैं , इसलिए हर साधना से पहले महादेव और पार्वती का पूजन अनिवार्य है. 
    ·        शाबर मन्त्रों में दुहाई दी जाती हैइसमें अपने गुरु ,महादेव पार्वती और इष्ट की दुहाई विशेष रूप से दी जाती है.
    शाबर मन्त्र साधनाएं कैसे करें 
    Y      सर्वश्रेष्ट तो यह है की आप गुरु खोजें और उनसे मंत्र प्राप्त करें.
    Y      गुरु मंत्र का 11000 जाप करें . फिर दूसरी साधना करें.
    Y      यदि गुरु न मिले तो निम्नलिखित मन्त्रों में से किसी एक मंत्र का 11000 जाप करें फिर साधना प्रारंभ करें.:-
    १] शिव पंचाक्षरी मंत्रम :-                   :: ॐ नमः शिवाय ::
    २] महाकाली बीज मंत्रम :-                          || ॐ क्रीं क्रीं क्रीं  ||
    ३] शिव शक्ति मंत्रम :-                                   || ॐ साम्ब सदाशिवाय नमः ||
    ४] शिव गुरु मंत्रम :-                                     || ॐ महादेवाय जगद्गुरुवे नमः ||
    जप कैसे करें:-
    • सामन्यतः रुद्राक्ष की माला आसानी से मिल जाती है आप उसी से जाप कर सकते हैं. गुरु मन्त्र का जाप करने के बाद उस माला को सदैव धारण कर सकते हैं.इस प्रकार आप मंत्र जाप की उर्जा से जुड़े रहेंगे और यह रुद्राक्ष माला एक रक्षा कवच की तरह काम करेगा.
    • गुरु मंत्र का नित्य जाप करते रहना चाहिए.
    • जप संख्या रोज एक सामान रखें तो बेहतर होगा . इष्ट गुरु तथा मन्त्र पर अगाध श्रद्धा रखें .
    • सभी मन्त्रों को ग्रहण जैसे विशेष अवसरों पर जाप करके जागृत करते रहना चाहिए
    मंत्र साधना करते समय सावधानियां
    Y      मन्त्र तथा साधना को गुप्त रखें, ढिंढोरा ना पीटें, बेवजह अपनी साधना की चर्चा करते ना फिरें .
    Y      गुरु तथा इष्ट के प्रति अगाध श्रद्धा रखें .
    Y      आचार विचार व्यवहार शुद्ध रखें.
    Y      बकवास और प्रलाप न करें.
    Y      किसी पर गुस्सा न करें.
    Y      यथासंभव मौन रहें.अगर सम्भव न हो तो जितना जरुरी हो केवल उतनी बात करें.
    Y      किसी स्त्री का चाहे वह नौकरानी क्यों न होअपमान न करें.
    Y      जप और साधना का ढोल पीटते न रहेंइसे यथा संभव गोपनीय रखें.
    Y      बेवजह किसी को तकलीफ पहुँचाने के लिए और अनैतिक कार्यों के लिए मन्त्रों का प्रयोग न करें.
    Y      ऐसा करने पर परदैविक प्रकोप होता है जो सात पीढ़ियों तक अपना गलत प्रभाव दिखाता है.
    Y      इसमें मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों का जन्म , लगातार गर्भपात, सन्तान ना होना , अल्पायु में मृत्यु या घोर दरिद्रता जैसी जटिलताएं भावी पीढ़ियों को झेलनी पड सकती है |
    Y      भूत, प्रेत, जिन्न,पिशाच जैसी साधनाए भूलकर भी ना करें , इन साधनाओं से तात्कालिक आर्थिक लाभ जैसी प्राप्तियां तो हो सकती हैं लेकिन साधक की साधनाएं या शरीर कमजोर होते ही उसे असीमित शारीरिक मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है | ऐसी साधनाएं करने वाला साधक अंततः उसी योनी में चला जाता है |
    गुरु और देवता का कभी अपमान न करें.

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    बुधवार, 4 मार्च 2015

    होलिका दहन : समस्त बाधाओं की शांति के लिए एक आसान सा प्रयोग

    होलिका दहन की रात्रि विभिन्न साधनाओं के लिए एक अत्यंत ही विशिष्ट रात्रि है. इस रात्रि षटकर्म से सम्बंधित उग्र प्रयोग सबसे ज्यादा किये जाते हैं. समस्त प्रकार की बाधाओं की शांति के लिए एक आसान सा प्रयोग प्रस्तुत है :-

    सामग्री :-
    1. एक पानी वाला नारियल.
    2. सवा मीटर काला/लाल कपडा .
    3. सिन्दूर.
    4. काले रंग का धागा ,लगभग 10 मीटर .
    5. एक कैंची .
    विधि :-
    होलिका दहन की शाम 6 से रात्रि 3 के बिच किसी भी समय इस प्रयोग को कर सकते हैं.
    • सबसे पहले गुरु मंत्र का २१ बार जाप करें. [यदि आपके कोई गुरु न हो तो " ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः " इस मंत्र का जप करें 


    • गुरुदेव परमहंस स्वामी निखिलेश्वरानंद जी को प्रणाम करें ] गुरुदेव से प्रार्थना करें की मेरी समस्त बाधाओं की शांति करें.
    • मंत्र जाप के बीच में उठना नहीं है , इसलिए पानी पेशाब पहले करके बैठें.
    • स्नान करना जरुरी नहीं है हाथ पैर धोकर बैठ सकते हैं.

    • अब सामने कपडे को बिछा लें.
    • नारियल को सामने रख लें .
    • अपनी बाधा का स्मरण कर अपने ऊपर इस काले धागे को लपेट दें.
    • अब ["ॐ भ्रम भैरवाय फट "] मंत्र का आधे घंटे तक जाप करें.
    • अब धागे को कैंची से काट दें काटते समय मन में भावना रखें की काल भैरव आपकी समस्त बाधाओं को काट रहे हैं.
    • नारियल को हाथ में लेकर इस मंत्र को ११ बार पढ़ें.
     "ॐ नमो आदेश गुरून को इश्वर वाचा अजरी बजरी बाडा बज्जरी मैं बज्जरी को बाँधा, दशो दुवार छवा और के ढालों तो पलट हनुमंत वीर उसी को मारे, पहली चौकी गणपति दूजी चौकी में भैरों, तीजी चौकी में हनुमंत,चौथी चौकी देत रक्षा करन को आवे श्री नरसिंह देव जी शब्द सांचा पिंड कांचा फुरो मंत्र इश्वरी वाचा"  

    • अब नारियल लेकर 7 बार सर से पैर तक यानि ऊपर से निचे फेर दें [इसे उतारा कहते हैं ]. 
    • गर्भवती स्त्री हो तो केवल सर पर सात बार घुमा दें ऊपर से निचे तक न लायें.
    • इस नारियल को कपडे के बीच रख दें. सिन्दूर से उसपर 9 बिंदियाँ लगायें.
    • अब काले धागे के कटे टुकड़ों को भी उसी कपडे में रख दें .
    • बचा हुआ सिन्दूर भी उसी में दाल दें  और कपडे की पोटली बना लें,
    • इस पोटली को रात्री में ही या फिर सुबह किसी निर्जन स्थान पर छोड़ दें और पीछे मुड़कर देखे बिना लौट आयें.
    • घर के बाहर हाथ पैर धो लें अपने ऊपर थोडा पानी छिड़क लें तब अन्दर घुसें.
    • पुनः पूजा स्थान में बैठकर १०८ बार भैरव मंत्र का जाप करें.
    • २१ बार गुरु मंत्र करें.
    • क्षमा प्रार्थना करें .
    • इस प्रकार आपका बाधा निवारण प्रयोग संपन्न होगा .
    • होली की रात्रि न कर पायें तो किसी भी अमावस्या को कर सकते हैं.
    •  

    रविवार, 21 सितंबर 2014

    व्यापार बढ़ाने के लिए :शाबर मन्त्र

    ||भंवर वीर तू मेरा चेला, खोल दूकान कहा कर मेरा | उठै जो डंडी बिकै जो माल, भंवर वीर , सोखे नहिं जाये  ||



    • दुकान बंधन हटाने और व्यापार वृद्धि के लिए लाभ दायक प्रयोग है.
    • नवरात्री में करें. विशेष लाभ होगा.
    • अपने सामने काली उड़द या काली मिर्च के १००८ दाने रख लें.
    • प्रतिदिन १००८ बार जाप करें.दूकान में कर सकें तो वहां करें न कर सकें तो घर पर करें.
    • सामने गुग्गुल/ धुप जलाकर रखें.
    • पूर्णिमा के दिन अपनी दूकान पर जाएँ. साथ में वे दाने भी ले जाएँ.
    • धुप/अगरबत्ती जलाकर १०८ बार मन्त्र पढ़ें.
    • उन दानों को दूकान में बिखेर दें.
    • कुछ दाने अपनी कुसी/तिजोरी के पास भी डालें.
    • बचे दानों को काले कपडे की पोटली में बांधकर लटका दें.
    • गुरु कृपा से लाभ होगा.

    बुधवार, 10 सितंबर 2014

    गृह शांति और रक्षा के लिए एक विधि

    आपने देखा होगा की लगभग सभी दुकानों में लाल कपडे में नारियल बांधकर लटकाया जाता है, कई घरों में भी ऐसा किया जाता है. यह स्थान देवता की पूजा और गृह रक्षा के लिए किया जाता है.
    नवरात्रि पर अपने घर मे गृह शांति और रक्षा के लिए एक विधि प्रस्तुत है जिसके द्वारा आप अपने घर पर पूजन करके नारियल बाँध सकते हैं.

    आवश्यक सामग्री :-

    लाल कपडा सवा मीटर
    नारियल
    सामान्य पूजन सामग्री
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    यदि आर्थिक रूप से सक्षम हों तो इसके साथ रुद्राक्ष/ गोरोचन/केसर भी डाल सकते हैं.
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    1. वस्त्र/आसन लाल रंग का हो तो पहन लें यदि न हो तो जो हो उसे पहन लें.
    2. सबसे पहले शुद्ध होकर आसन पर बैठ जाएँ. हाथ में जल लेकर कहें " मै [अपना नाम ] अपने घर की रक्षा और शांति के लिए यह पूजन कर रहा हूँ मुझपर कृपा करें और मेरा मनोरथ सिद्ध करें."
    3. इतना बोलकर हाथ में रखा जल जमीन पर छोड़ दें. इसे संकल्प कहते हैं.
    4. नारियल पर मौली धागा [अपने हाथ से नापकर तीन हाथ लम्बा तोड़ लें.] लपेट लें.
    5. लपेटते समय निम्नलिखित मंत्र का जाप करें." ॐ श्री विष्णवे नमः"
    6. अब अपने सामने लाल कपडे पर नारियल रख दें. पूजन करें.
    7. नारियल के सामने निम्नलिखित मंत्र का 1008 बार जाप करें ऐसा कम से कम तीन दिन तक करें. पूरी नवरात्रि कर सकें तो और भी बेहतर है.

    "ॐ नमो आदेश गुरून को इश्वर वाचा अजरी बजरी बाडा बज्जरी मैं बज्जरी को बाँधा, दशो दुवार छवा और के ढालों तो पलट हनुमंत वीर उसी को मारे, पहली चौकी गणपति दूजी चौकी में भैरों, तीजी चौकी में हनुमंत,चौथी चौकी देत रक्षा करन को आवे श्री नरसिंह देव जी शब्द सांचा पिंड कांचा फुरो मंत्र इश्वरी वाचा"

    अब इस नारियल को लाल कपडे में लपेट ले. आपका रक्षा नारियल तय्यार है. इसे आप दशहरा, दीपावली, पूर्णिमा, अमावस्या या अपनी सुविधानुसार किसी भी दिन घर की छत में हुक हो तो उसपर बांधकर लटका दें. यदि न हो तो पूजा स्थान में रख लें. नित्य पूजन के समय इसे भी अगरबत्ती दिखाएँ.

    गुरुवार, 20 फ़रवरी 2014

    रक्षा मंत्र -२

     रक्षा मंत्र :-

    ||जल बांधों ,थल बांधों , बांधों अपनी काया, सात सौ योगिनी बांधों, बांधों जगत की माया, दुहाई कामरू कामाक्षा देवी की, नैना योगिनी की, दुहाई गौरा पारवती की , दुहाई वीर मसान की ||

    सोमवार, 16 दिसंबर 2013

    शाबर मंत्र संग्रह

    शाबर मंत्र संग्रह :-

    शाबर मन्त्रों के साधकों के लिए एक प्रमाणिक और अद्भुत शाबर मन्त्रों का दिव्य संकलन है.
    इसमें विभिन्न मन्त्रों तथा उनके प्रयोग की प्रमाणिक विधियाँ भी दी गयी हैं. 
    प्रत्येक शाबर साधक को इस ग्रन्थ को अपने पास सहेजकर रखना चाहिए.
    इसमें षट्कर्म से लेकर महाविद्या साधना तक हर क्षेत्र को सहेजा गया है. 
    वर्षों से तंत्र क्षेत्र में प्रमाणिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए प्रसिद्द चंडी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित होना ही इसके प्रमाणिक होने का प्रमाण है.


    शाबर मंत्र संग्रह 
    [१२ भागों में ]

    पुरे संग्रह [१२ भाग] का मूल्य 515=०० [ पांच सौ पंद्रह मात्र ]

    मनिआर्डर द्वारा 515=०० [ पांच सौ पंद्रह मात्र ] भेजकर मंगाने का पता तथा फ़ोन :-

    प्रकाशक :-
    कल्याण मंदिर प्रकाशन
    श्री चंडी धाम 
    अलोपी देवी मार्ग
    प्रयाग - 211006 
    फोन - 0532-2502783
    मोबाईल -94502-22767


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    शनिवार, 30 नवंबर 2013

    आधा शीशी का दर्द निवारक शाबर मंत्र



    आधा शीशी का दर्द निवारक शाबर मंत्र 



    मसान मेरा मन बसे.
    कटी बसे कपाल .
    हांक सुने हनुमंता की .
    आधी शीशी जाये पाताल  .
    मेरी भक्ति गुरु की शक्ति 
    फुरो मंत्र इश्वरी वाचा .

    १००८ बार जाप करके मंत्र सिद्ध करें.
    लोबान का धुप लगाकर जाप करें.
    मंगल या शनिवार को सिद्ध करें.
    जाप के बाद एक पूरा पानी वाला नारियल हनुमान जी के चरणों में छोड़ दें. उसे वापस न लायें.

    घर आकर ११ बार हनुमान चालीसा पढ़ें.


    प्रयोग करते समय ११ बार मंत्र पढ़कर फूंक  दें.

    शनिवार, 16 नवंबर 2013

    शाबर मंत्र संग्रह

    शाबर मंत्र संग्रह :-

    शाबर मन्त्रों के साधकों के लिए एक प्रमाणिक और अद्भुत शाबर मन्त्रों का दिव्य संकलन है.
    इसमें विभिन्न मन्त्रों तथा उनके प्रयोग की प्रमाणिक विधियाँ भी दी गयी हैं.
    प्रत्येक शाबर साधक को इस ग्रन्थ को अपने पास सहेजकर रखना चाहिए.
    इसमें षट्कर्म से लेकर महाविद्या साधना तक हर क्षेत्र को सहेजा गया है.
    वर्षों से तंत्र क्षेत्र में प्रमाणिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए प्रसिद्द चंडी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित होना ही इसके प्रमाणिक होने का प्रमाण है.


    शाबर मंत्र संग्रह
    [१२ भागों में ]

    पुरे संग्रह [१२ भाग] का मूल्य 515=०० [ पांच सौ पंद्रह मात्र ]

    मनिआर्डर द्वारा 515=०० [ पांच सौ पंद्रह मात्र ] भेजकर मंगाने का पता तथा फ़ोन :-

    प्रकाशक :-
    कल्याण मंदिर प्रकाशन
    श्री चंडी धाम
    अलोपी देवी मार्ग
    प्रयाग - 211006
    फोन - 0532-2502783
    मोबाईल -94502-22767


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    बुधवार, 16 अक्तूबर 2013

    शाबर मंत्र संग्रह

    शाबर मंत्र संग्रह :-

    • शाबर मन्त्रों के साधकों के लिए एक प्रमाणिक और अद्भुत शाबर मन्त्रों का दिव्य संकलन है.
    • इसमें विभिन्न मन्त्रों तथा उनके प्रयोग की प्रमाणिक विधियाँ भी दी गयी हैं. 
    • प्रत्येक शाबर साधक को इस ग्रन्थ को अपने पास सहेजकर रखना चाहिए.
    • इसमें षट्कर्म से लेकर महाविद्या साधना तक हर क्षेत्र को सहेजा गया है. 
    • वर्षों से तंत्र क्षेत्र में प्रमाणिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए प्रसिद्द चंडी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित होना ही इसके प्रमाणिक होने का प्रमाण है.


    शाबर मंत्र संग्रह 
    [१२ भागों में ]

    पुरे संग्रह [१२ भाग] का मूल्य 515=०० [ पांच सौ पंद्रह मात्र ]

    मनिआर्डर द्वारा 515=०० [ पांच सौ पंद्रह मात्र ] भेजकर मंगाने का पता तथा फ़ोन :-

    प्रकाशक :-
    कल्याण मंदिर प्रकाशन
    श्री चंडी धाम 
    अलोपी देवी मार्ग
    प्रयाग - 211006 
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    मोबाईल -94502-22767


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    सोमवार, 16 सितंबर 2013

    शाबर मंत्र संग्रह

    शाबर मंत्र संग्रह :-

    • शाबर मन्त्रों के साधकों के लिए एक प्रमाणिक और अद्भुत शाबर मन्त्रों का दिव्य संकलन है.
    • इसमें विभिन्न मन्त्रों तथा उनके प्रयोग की प्रमाणिक विधियाँ भी दी गयी हैं. 
    • प्रत्येक शाबर साधक को इस ग्रन्थ को अपने पास सहेजकर रखना चाहिए.
    • इसमें षट्कर्म से लेकर महाविद्या साधना तक हर क्षेत्र को सहेजा गया है. 
    • वर्षों से तंत्र क्षेत्र में प्रमाणिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए प्रसिद्द चंडी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित होना ही इसके प्रमाणिक होने का प्रमाण है.


    शाबर मंत्र संग्रह 
    [१२ भागों में ]

    पुरे संग्रह [१२ भाग] का मूल्य 515=०० [ पांच सौ पंद्रह मात्र ]

    मनिआर्डर द्वारा 515=०० [ पांच सौ पंद्रह मात्र ] भेजकर मंगाने का पता तथा फ़ोन :-

    प्रकाशक :-
    कल्याण मंदिर प्रकाशन
    श्री चंडी धाम 
    अलोपी देवी मार्ग
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