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शुक्रवार, 3 दिसंबर 2021

सूर्यग्रहण विशेष - तारा शाबर मंत्र

 

 




ॐ आदि योग अनादि माया । 
जहाँ पर ब्रह्माण्ड उत्पन्न भया ।
ब्रह्माण्ड समाया । 

आकाश मण्डल । 
तारा त्रिकुटा तोतला माता तीनों बसै । 

ब्रह्म कापलिजहाँ पर ब्रह्मा विष्णु महेश उत्पत्तिसूरज मुख तपे । 
चंद मुख अमिरस पीवे
अग्नि मुख जले
आद कुंवारी हाथ खण्डाग गल मुण्ड माल
मुर्दा मार ऊपर खड़ी देवी तारा । 
नीली काया पीली जटा
काली दन्त में जिह्वा दबाया । 
घोर तारा अघोर तारा
दूध पूत का भण्डार भरा । 
पंच मुख करे हा हा ऽऽकारा
डाकिनी शाकिनी भूत पलिता 
सौ सौ कोस दूर भगाया । 
चण्डी तारा फिरे ब्रह्माण्डी 
तुम तो हों तीन लोक की जननी ।

तारा मंत्र
ॐ ऐं ह्रीं स्त्रीं हूँ फट्

विधि :-
  1. रात्री काल मे जाप करें । ग्रहण काल मे जाप करने से विशेष लाभदायक है । 
  2. अपनी क्षमतानुसार 1,11,21,51,108 बार । 
  3. व्यापार और आर्थिक समृद्धि के लिए लाभदायक । 
  4. जप काल मे किसी स्त्री का अपमान न करें । 


गुरुवार, 2 दिसंबर 2021

सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021

 

सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर 2021


इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण 4 दिसंबर यानी शनिवार सुबह 10 बजकर 59 मिनट पर शुरू होगा और दोपहर 03 बजकर 07 मिनट पर समाप्त होगा.

मेरे गुरुदेव डा नारायण दत्त श्रीमाली जी ने अपने उद्बोधन में बताया था कि सूर्यग्रहण काल में की गई साधना हजार गुना ज्यादा लाभप्रद होती हैं ।

इसलिए ऐसे अवसर का लाभ हर साधक को उठाना चाहिए ।

बुधवार, 13 जनवरी 2021

एकाक्षी नारियल

  एकाक्षी नारियल 


हर गृहस्थ व्यक्ति की यह इच्छा होती है कि उसके पास धन का अभाव न रहे ।  धन की प्राप्ति के लिए प्रयास आवश्यक है ।  उसके साथ साथ यदि आप देवी लक्ष्मी की साधना या कुबेर की साधना जैसे उपाय करें तब भी आपके प्रयासों को जल्दी सफलता मिलती है । 


इसके अलावा कुछ तांत्रिक वस्तुएं भी ऐसी हैं जो मुश्किल से मिलती है । लेकिन उनको घर में रखने मात्र से ही लक्ष्मी प्राप्ति की संभावनाएं बढ़ जाती है । 


इनमें से कई चीजें बेहद दुर्लभ है और कुछ चीजें कठिन है मगर मिल जाती है वैसी ही एक वस्तु है एकाक्षी नारियल । 


सामान्य नारियल में दो आंखें और एक मुह होता है अर्थात कुल मिलाकर तीन काले बिंदु होते हैं ।  



एकाक्षी नारियल में एक ही आंख होती है अर्थात उसमें कुल मिला कर दो काले बिंदु होते हैं ।  




यह नारियल मुश्किल से मिलता है मगर मिलता है ।  ऐसा नारियल अगर आपको प्राप्त हो जाए तो उसे लाल कपड़े पर रखकर से धूप दीप दिखाएँ और उसी लाल कपड़े में बांधकर उस स्थान पर रख दें, जहां पर आप पैसे रखते हैं । 

जैसे तिजोरी या लॉकर ।  इससे लक्ष्मी प्राप्ति में सहयोग मिलता है । 


लक्ष्मी का तात्पर्य केवल धन के आगमन को ही माना जाता है । आप ध्यान दें तो यदि धन का जाना भी कम हो जाए अर्थात आप का खर्च कम हो जाए तो वह भी एक प्रकार से लक्ष्मी का आगमन ही है । 


कई परिवारों में अनावश्यक रूप से बीमारियों या इसी प्रकार की किसी अवांछित घटना के चलते धन का लगातार खर्च बढ़ता रहता है । ऐसी परिस्थितियों में भी एकाक्षी नारियल रखने या लक्ष्मी साधना करने से अनुकूलता मिल सकती है और बेवजह के खर्चों में कमी आने से आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकती है ...... 


सिद्ध मुहूर्त :-

  1. अक्षय तृतीया

  2. शरद पूर्णिमा 

  3. मकर संक्रांति 


अक्षय तृतीया का पर्व पूरे वर्ष में एक बार आता है ।  ज्योतिषीय व्याख्या के अनुसार यह पूरे वर्ष का ऐसा दिन होता है जिसमें किसी क्षण का भी क्षय या कमी नहीं होती है अर्थात यह पूर्णता का प्रतीक है या दूसरे शब्दों में कहें तो एक ऐसी स्थिति का प्रतीक है जिसमें कमी की गुंजाइश नहीं रहती है । 


दीपावली के अलावा लक्ष्मी साधना के लिए यह तीनों दिन अत्यंत ही सिद्ध मुहूर्त है ।  

इस दिन लक्ष्मी साधना करने से धन-धान्य और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है .. 



मंगलवार, 26 मई 2020

पाँच मुखी रुद्राक्ष के प्रयोग

 पाँच मुखी रुद्राक्ष 



  • पञ्च मुखी रुद्राक्ष सहजता से मिल जाता है। 
  • यह पंच देवों का स्वरूप है । 
  • शिवकृपा देता है । 
  • उच्च रक्तचाप HIGH BP में लाभदायक है । 
  • शिवरात्रि या किसी सोमवार को 1008 बार "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप कर धारण करने से रक्षा कवच का काम करता है . इसे पहनने से नजर/तंत्र /टोटका से रक्षा मिलती है .
  • अमावस्या, कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी , शिवरात्रि या किसी सोमवार को अपने सामने चौकी मे इसे रखकर  1008 बार "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप बेलपत्र या पुष्प चढ़ाते हुए करे। इसे अपने वाहन मे रखें । दुर्घटनाओं मे रक्षा प्रदान करेगा । 
  • किसी को ऊपरी बाधा लग रही हो तो हनुमानजी को चोला चढ़ाने के समय पांचमुखी रुद्राक्ष उनके चरणों के पास रखें । हनुमान चालीसा का 11 पाठ करें । हर पाठ के बाद उनके बाएँ पांव से सिंदूर लेकर रुद्राक्ष पर लगाएँ ।  फिर पीड़ित को पहना दें । और फिर से 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें । लाभ होगा । 
  • घर की रक्षा के लिए पाँच मुखी रुद्राक्ष के 11 दाने ले लें । उसे कटोरी मे गंगा जल मे डूबा दें । 1008 बार " ॐ नमः शिवाय शिवाय नमः ॐ " मंत्र का जाप करें । हर दिन जल बदल देंगे । पहले दिन के जल को घर मे छिड़क देंगे । 11 दिन तक नित्य ऐसा करें । 11 दिन के बाद सफ़ेद या लाल कपड़े मे बांधकर घर के मुख्य द्वार के ऊपर लटका दें । रोज धूप दिखाते रहें । 
  • इसे साथ मे रखने से ही बहुत सारी नकारात्मक शक्तियाँ भाग जाती हैं । 

गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

महाविद्या महाकाली का शाबर मंत्र




प्रथम ज्योति महाकाली प्रगटली ।
॥महाकाली ॥

ॐ निरंजन निराकार अवगत पुरुष तत सार, तत सार मध्ये ज्योत, ज्योत मध्ये परम ज्योत, परम ज्योत मध्ये उत्पन्न भई माता शम्भु शिवानी काली ओ काली काली महाकाली, कृष्ण वर्णी, शव वहानी, रुद्र की पोषणी, हाथ खप्पर खडग धारी, गले मुण्डमाला हंस मुखी । जिह्वा ज्वाला दन्त काली । मद्यमांस कारी श्मशान की राणी । मांस खाये रक्त-पी-पीवे । भस्मन्ति माई जहाँ पर पाई तहाँ लगाई । सत की नाती धर्म की बेटी इन्द्र की साली काल की काली जोग की जोगीन, नागों की नागीन मन माने तो संग रमाई नहीं तो श्मशान फिरे अकेली चार वीर अष्ट भैरों, घोर काली अघोर काली अजर ।। महाकाली ।।

बजर अमर काली भख जून निर्भय काली बला भख, दुष्ट को भख, काल भख पापी पाखण्डी को भख जती सती को रख, ॐ काली तुम बाला ना वृद्धा, देव ना दानव, नर ना नारी देवीजी तुम तो हो परब्रह्मा काली ।

क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा


1.      महाविद्या महाकाली का शाबर मंत्र है ।
2.   नवरात्रि मे यथा संभव जाप करें ।
3.   सबसे पहले यदि गुरु बनाया हो तो उनका दिया हुआ मंत्र 21 बार जपें । 
4.   यदि गुरु न बनाया हो तो निम्नलिखित गुरु मंत्र 21 बार जपें ।... 
॥ ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥
5.    कम से कम 1008 जाप करना चाहिए । न कर सकें तो जितना आप कर सकते हैं उतना करें ।
6.  महाकाली साधना से सभी प्रकार से सुरक्षा और कृपा प्राप्त होती है ।


गुरुवार, 20 फ़रवरी 2020

भुवनेश्वरी शाबर मंत्र


चतुर्थ ज्योति भुवनेश्वरी प्रगटी ।‍‍‍‍‍‍‍‍‍‍
।। भुवनेश्वरी ।।
ॐ आदि ज्योति अनादि ज्योत ज्योत मध्ये परम ज्योत परम ज्योति मध्ये शिव गायत्री भई उत्पन्न, ॐ प्रातः समय उत्पन्न भई देवी भुवनेश्वरी । बाला सुन्दरी कर धर वर पाशांकुश अन्नपूर्णी दूध पूत बल दे बालका ऋद्धि सिद्धि भण्डार भरे, बालकाना बल दे जोगी को अमर काया । चौदह भुवन का राजपाट संभाला कटे रोग योगी का, दुष्ट को मुष्ट, काल कन्टक मार । योगी बनखण्ड वासा, सदा संग रहे भुवनेश्वरी माता ।
ह्रीं

बुधवार, 19 फ़रवरी 2020

शाबर मंत्र संग्रह

शाबर मंत्र संग्रह :-

शाबर मन्त्रों के साधकों के लिए एक प्रमाणिक और अद्भुत शाबर मन्त्रों का दिव्य संकलन है.
इसमें विभिन्न मन्त्रों तथा उनके प्रयोग की प्रमाणिक विधियाँ भी दी गयी हैं. 
प्रत्येक शाबर साधक को इस ग्रन्थ को अपने पास सहेजकर रखना चाहिए.
इसमें षट्कर्म से लेकर महाविद्या साधना तक हर क्षेत्र को सहेजा गया है. 
वर्षों से तंत्र क्षेत्र में प्रमाणिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए प्रसिद्द चंडी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित होना ही इसके प्रमाणिक होने का प्रमाण है.


शाबर मंत्र संग्रह 
[१२ भागों में ]

मंगाने का पता तथा फ़ोन

प्रकाशक :-
कल्याण मंदिर प्रकाशन
श्री चंडी धाम 
अलोपी देवी मार्ग
प्रयाग - 211006 
फोन - 0532-2502783
मोबाईल -94502-22767


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मंगलवार, 18 फ़रवरी 2020

तांत्रिक अभिचार से रक्षा का मंत्र



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ओम एक ठो सरसों सौला राइ मोरो पटवल को रोजाई खाय खाय पड़े भार जे करे ते मरे उलट विद्या ताहि पर परे शब्द साँचा पिंड काँचा हनुमान का मंत्र सांचा फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ||
  •  यदि किसी के ऊपर तांत्रिक अभिचार कर दिया हो तो इस मन्त्र का प्रयोग करें .

  •  थोड़ी सी राईसरसों तथा नमक मिला कर रख लेइसके बाद इस मंत्र का जाप करते हुए सात बार रोगी का उतारा करे .उतारा का मतलब सर से लेकर पैर तक लाना |
  •  
  •  फिर जलती हुई भट्टी/चूल्हा/ अग्नि  में यह सामग्री झोंक दे तो सारा मायाजाल वापस चला जायेगा..

सोमवार, 17 फ़रवरी 2020

मंत्र साधना करते समय सावधानियां

मंत्र साधना करते समय सावधानियां
Y      मन्त्र तथा साधना को गुप्त रखेंढिंढोरा ना पीटेंबेवजह अपनी साधना की चर्चा करते ना फिरें .
Y      गुरु तथा इष्ट के प्रति अगाध श्रद्धा रखें .
Y      आचार विचार व्यवहार शुद्ध रखें.
Y      बकवास और प्रलाप न करें.
Y      किसी पर गुस्सा न करें.
Y      यथासंभव मौन रहें.अगर सम्भव न हो तो जितना जरुरी हो केवल उतनी बात करें.
Y      किसी स्त्री का चाहे वह नौकरानी क्यों न होअपमान न करें.
Y      जप और साधना का ढोल पीटते न रहेंइसे यथा संभव गोपनीय रखें.
Y      बेवजह किसी को तकलीफ पहुँचाने के लिए और अनैतिक कार्यों के लिए मन्त्रों का प्रयोग न करें.
Y      ऐसा करने पर परदैविक प्रकोप होता है जो सात पीढ़ियों तक अपना गलत प्रभाव दिखाता है.
Y      इसमें मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों का जन्म लगातार गर्भपातसन्तान ना होना अल्पायु में मृत्यु या घोर दरिद्रता जैसी जटिलताएं भावी पीढ़ियों को झेलनी पड सकती है |
Y      भूतप्रेतजिन्न,पिशाच जैसी साधनाए भूलकर भी ना करें इन साधनाओं से तात्कालिक आर्थिक लाभ जैसी प्राप्तियां तो हो सकती हैं लेकिन साधक की साधनाएं या शरीर कमजोर होते ही उसे असीमित शारीरिक मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है ऐसी साधनाएं करने वाला साधक अंततः उसी योनी में चला जाता है |
गुरु और देवता का कभी अपमान न करें.

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शनिवार, 15 फ़रवरी 2020

शाबर मन्त्र साधनाएं कैसे करें

शाबर मन्त्र साधनाएं कैसे करें 
Y      सर्वश्रेष्ट तो यह है की आप गुरु खोजें और उनसे मंत्र प्राप्त करें.
Y      गुरु मंत्र का 11000 जाप करें . फिर दूसरी साधना करें.
Y      यदि गुरु न मिले तो निम्नलिखित मन्त्रों में से किसी एक मंत्र का 11000 जाप करें फिर साधना प्रारंभ करें.:-
१] शिव पंचाक्षरी मंत्रम :-                   :: ॐ नमः शिवाय ::
२] महाकाली बीज मंत्रम :-                          || ॐ क्रीं क्रीं क्रीं  ||
३] शिव शक्ति मंत्रम :-                                   || ॐ साम्ब सदाशिवाय नमः ||
४] शिव गुरु मंत्रम :-                                     || ॐ महादेवाय जगद्गुरुवे नमः ||
जप कैसे करें:-
  • सामन्यतः रुद्राक्ष की माला आसानी से मिल जाती है आप उसी से जाप कर सकते हैं. गुरु मन्त्र का जाप करने के बाद उस माला को सदैव धारण कर सकते हैं.इस प्रकार आप मंत्र जाप की उर्जा से जुड़े रहेंगे और यह रुद्राक्ष माला एक रक्षा कवच की तरह काम करेगा.
  • गुरु मंत्र का नित्य जाप करते रहना चाहिए.
  • जप संख्या रोज एक सामान रखें तो बेहतर होगा . इष्ट गुरु तथा मन्त्र पर अगाध श्रद्धा रखें .
  • सभी मन्त्रों को ग्रहण जैसे विशेष अवसरों पर जाप करके जागृत करते रहना चाहिए

शुक्रवार, 14 फ़रवरी 2020

शाबर मन्त्र कुछ तथ्य


शाबर मन्त्र कुछ तथ्य :- 
·         इन मन्त्रों का संयोजन विभिन्न संतों और योगियों ने अलग अलग भाषाओँ में किया हैये लगभग सभी भाषाओँ में पाए जाते हैं.
·        इनका संयोजन अजीब होता है , कई बार ये निरर्थक शब्द जैसे लगते हैं पर उन्हें यथावत पढ़ना और प्रयोग करना चाहिए.
·        शाबर मंत्र की साधना में गुरु की आवश्यकता होती है. गुरु के साथ की गई साधनायें जल्द सफल होती हैं.
·        इन साधनों में आचार विचार की शुद्धता और पवित्रता से जल्द लाभ होता है.
·        शाबर मंत्र के जनक आदिदेव महादेव हैं , इसलिए हर साधना से पहले महादेव और पार्वती का पूजन अनिवार्य है. 
·        शाबर मन्त्रों में दुहाई दी जाती हैइसमें अपने गुरु ,महादेव पार्वती और इष्ट की दुहाई विशेष रूप से दी जाती है.

गुरुवार, 13 फ़रवरी 2020

शिवरात्रि:


  1. शिवरात्रि शाबर मन्त्रों के अधिपति भगवान् महादेव शिव का पर्व है |
  2. इसे शाबर साधनाएं सिद्ध करने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है |
  3. इस अवसर पर आप विभिन्न मन्त्रों का 108 बार जाप करके जागरण कर सकते हैं |


शनिवार, 4 जनवरी 2020

श्री त्रिपुर सुंदरी शाबर मंत्र




।। महाविद्या षोडशी-त्रिपुर सुन्दरी शाबर मंत्र ।।

ॐ निरञ्जन निराकार अवधू मूल द्वार में बन्ध लगाई । 
पवन पलटे गगन समाई
ज्योति मध्ये ज्योत ले स्थिर हो भई । 
ॐ मध्याः उत्पन्न भई । 
उग्र त्रिपुरा सुन्दरी शक्ति आवो शिवधर बैठो
मन उनमन
बुध सिद्ध चित्त में भया नाद । 
तीनों एक त्रिपुर सुन्दरी भया प्रकाश । 
हाथ चाप शर धर एक हाथ अंकुश । 
त्रिनेत्रा अभय मुद्रा योग भोग की मोक्षदायिनी । 
इडा पिंगला सुषम्ना देवी । 
नागन जोगन त्रिपुर सुन्दरी । 
उग्र बाला, रुद्र बाला ,
तीनों ब्रह्मपुरी में भया उजियाला । 
योगी के घर जोगन बाला, ब्रह्मा विष्णु शिव की माता ।



श्री त्रिपुर सुंदरी मंत्र 

श्रीं ह्रीं क्लीं । ऐं सौः ॐ । ह्रीं श्रीं ।
कएईलह्रीं । हसकहल ह्रीं । सकल ह्रीं । 
श्रीं ह्रीं । ॐ सोः ऐं । क्लीं ह्रीं श्रीं ।

विधि :-
  • रात्री काल मे जाप करें । 
  • आर्थिक तथा वैवाहिक सुख प्रदायक । 

रविवार, 22 दिसंबर 2019

तंत्र बाधा के लिए काली शाबर मंत्र


काली काली महाकाली ,

ब्रह्मा की बेटी इंद्र की साली,

दोनों हाथ बजावे ताली |

हंकिनी डंकिनी को भस्म करे ,

अल्लाह बिस्मिल्लाह को भस्म करे |

नौ नाथ चौरासी सिद्धों को भस्म करे ,

नौ नरसिंह सोलह सीन्डुओं को भस्म करे |

बावन वीर , चौंसठ योगिनी को भस्म करे |

अस्सी मसान , नब्बे भैरों को भस्म करे |

लगे लगाए को भस्म करे  

भेजे भेजाये को भस्म करे |

भूत प्रेत पिशाच डाकिनी शाकिनी को भस्म करे |

चले काली का खंडा, दुष्ट राक्षस का उड़ जाए मुंडा |

जादू जंतर मंतर तंतर को कर दे भस्म |

जय काली कलकत्ते वाली मेरा वचन न जाये खाली  |

तेरी आन गुरु की शान फुरो मंत्र ईश्वरी वाचा । 

  • ग्रहण काल मे 1008 बार जपकर सिद्धि करें । 
  • प्रयोग मे मंत्र को 11 बार पढ़कर मोरपंख से झाड़ा दें ।