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शनिवार, 4 दिसंबर 2021

एक गोपनीय शाबर रक्षा मंत्र

 

एक गोपनीय शाबर रक्षा मंत्र

यह सद्गुरुदेव डा नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा दिया गया एक अद्भुत मंत्र है ..... 


ॐ रक्षो रक्ष महावीर !

काला गोरा भेरूँ! बल वहन करे !

वज्र सी देह रक्षा करे ! एडी सू चोटी चोटी सू एडी !

तणो वज्र निरधार झरे ! ठम ठम ठम !!!



इसे आप 108 बार जपकर सूर्यग्रहण के अवसर पर सिद्ध कर लें ।. 

इसका नित्य 3 बार जाप करते रहें तो आपके ऊपर किसी प्रकार का प्रयोग आदि होने पर उससे रक्षा होगी ।.

मंगलवार, 20 अक्तूबर 2020

महाविद्या छिन्नमस्ता का शाबर मंत्र

 





॥ पञ्चम ज्योति छिन्नमस्ता प्रगटी ॥
॥ छिन्नमस्ता ॥


सत का धर्म सत की कायाब्रह्म अग्नि में योग जमाया । काया तपाये जोगी (शिव गोरख) बैठानाभ कमल पर छिन्नमस्ताचन्द सूर में उपजी सुष्मनी देवीत्रिकुटी महल में फिरे बाला सुन्दरीतन का मुन्डा हाथ में लिन्हादाहिने हाथ में खप्पर धार्या । पी पी पीवे रक्तबरसे त्रिकुट मस्तक पर अग्नि प्रजालीश्वेत वर्णी मुक्त केशा कैची धारी । देवी उमा की शक्ति छायाप्रलयी खाये सृष्टि सारी । चण्डीचण्डी फिरे ब्रह्माण्डी भख भख बाला भख दुष्ट को मुष्ट जतीसती को रखयोगी घर जोगन बैठीश्री शम्भुजती गुरु गोरखनाथजी ने भाखी । छिन्नमस्ता जपो जापपाप कन्टन्ते आपो आपजो जोगी करे सुमिरण पाप पुण्य से न्यारा रहे । काल ना खाये ।

श्रीं क्लीं ह्रीं ऐं वज्र-वैरोचनीये हूं हूं फट् स्वाहा ।



1.      महाविद्या छिन्नमस्ता का शाबर मंत्र है ।
2.   नवरात्रि मे यथा संभव जाप करें ।
3.   सबसे पहले यदि गुरु बनाया हो तो उनका दिया हुआ मंत्र 21 बार जपें । 
4.   यदि गुरु न बनाया हो तो निम्नलिखित गुरु मंत्र 21 बार जपें ।... 
॥ ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥
5.    कम से कम 1008 जाप करना चाहिए । न कर सकें तो जितना आप कर सकते हैं उतना करें ।
6.  छिन्नमस्ता  साधना से सभी प्रकार की तंत्र बाधा से मुक्ति प्राप्त होती है ।

गुरुवार, 19 मार्च 2020

कमला शाबर मंत्र






दसवीं ज्योति कमला प्रगटी ।
।। कमला ।।

ॐ अ-योनी शंकर ॐ-कार रुप, कमला देवी सती पार्वती का स्वरुप । हाथ में सोने का कलश, मुख से अभय मुद्रा । श्वेत वर्ण सेवा पूजा करे, नारद इन्द्रा । देवी देवत्या ने किया जय ॐ-कार । कमला देवी पूजो केशर पान सुपारी, चकमक चीनी फतरी तिल गुग्गल सहस्र कमलों का किया हवन । कहे गोरख, मन्त्र जपो जाप जपो ऋद्धि सिद्धि की पहचान गंगा गौरजा पार्वती जान । जिसकी तीन लोक में भया मान । कमला देवी के चरण कमल को आदेश ।

॥ ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध-लक्ष्म्यै नमः ॥



1.      महाविद्या कमला  का शाबर मंत्र है ।
2.   नवरात्रि मे यथा संभव जाप करें ।
3.   सात्विक आहार विचार और आचार  रखें ।
4.   ब्रह्मचर्य का पालन करे  
5.    किसी प्रकार का नशा न करें ।
6.  सबसे पहले यदि गुरु बनाया हो तो उनका दिया हुआ मंत्र 21 बार जपें । 
7.    यदि गुरु न बनाया हो तो निम्नलिखित गुरु मंत्र 21 बार जपें ।... 
॥ ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥
8.   कम से कम 1008 जाप करना चाहिए । न कर सकें तो जितना आप कर सकते हैं उतना करें ।
9.  कमला  साधना से व्यापार मे लाभ होता है ....



मातंगी शाबर साधना






  

नवम ज्योति मातंगी प्रगटी ।
।। मातंगी ।।

ॐ शून्य शून्य महाशून्य, महाशून्य में ॐ-कार, ॐ-कार में शक्ति, शक्ति अपन्ते उहज आपो आपना, सुभय में धाम कमल में विश्राम, आसन बैठी, सिंहासन बैठी पूजा पूजो मातंगी बाला, शीश पर अस्वारी उग्र उन्मत्त मुद्राधारी, उद गुग्गल पाण सुपारी, खीरे खाण्डे मद्य-मांसे घृत-कुण्डे सर्वांगधारी । बुन्द मात्रेन कडवा प्याला, मातंगी माता तृप्यन्ते । ॐ मातंगी-सुन्दरी, रुपवन्ती, कामदेवी, धनवन्ती, धनदाती, अन्नपूर्णी अन्नदाती, मातंगी जाप मन्त्र जपे काल का तुम काल को खाये । तिसकी रक्षा शम्भुजती गुरु गोरखनाथजी करे ।

ॐ ह्रीं क्लीं हूं मातंग्यै फट् स्वाहा ।


1.      महाविद्या मातंगी  का शाबर मंत्र है ।
2.   नवरात्रि मे यथा संभव जाप करें ।
3.   सात्विक आहार विचार और आचार  रखें ।
4.   ब्रह्मचर्य का पालन करे  
5.    किसी प्रकार का नशा न करें ।
6.  सबसे पहले यदि गुरु बनाया हो तो उनका दिया हुआ मंत्र 21 बार जपें । 
7.    यदि गुरु न बनाया हो तो निम्नलिखित गुरु मंत्र 21 बार जपें ।... 
॥ ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥
8.   कम से कम 1008 जाप करना चाहिए । न कर सकें तो जितना आप कर सकते हैं उतना करें ।
9.  मातंगी साधना से पूर्ण गृहस्थ सुख की  प्राप्ति होती है ।पति पत्नी मे लगातार विवाद बना रहता हो तो दोनों को यह साधना करनी चाहिए ।  



बगलामुखी शाबर साधना











अष्टम ज्योति बगलामुखी प्रगटी ।
।। बगलामुखी ।।

ॐ सौ सौ दुता समुन्दर टापू, टापू में थापा सिंहासन पीला । सिंहासन पीले ऊपर कौन बसे । सिंहासन पीला ऊपर बगलामुखी बसे, बगलामुखी के कौन संगी कौन साथी । कच्ची बच्ची काक-कूतिया-स्वान-चिड़िया, ॐ बगला बाला हाथ मुद्-गर मार, शत्रु हृदय पर सवार तिसकी जिह्वा खिच्चै बाला । बगलामुखी मरणी करणी उच्चाटण धरणी, अनन्त कोट सिद्धों ने मानी ॐ बगलामुखी रमे ब्रह्माण्डी मण्डे चन्दसुर फिरे खण्डे खण्डे । बाला बगलामुखी नमो नमस्कार ।

ॐ ह्लीं ब्रह्मास्त्राय विद्महे स्तम्भन-बाणाय धीमहि तन्नो बगला प्रचोदयात्




1.      महाविद्या बगलामुखी  का शाबर मंत्र है ।
2.   नवरात्रि मे यथा संभव जाप करें ।
3.   सात्विक आहार विचार और आचार  रखें ।
4.   ब्रह्मचर्य का पालन करे  
5.    किसी प्रकार का नशा न करें ।
6.  सबसे पहले यदि गुरु बनाया हो तो उनका दिया हुआ मंत्र 21 बार जपें । 
7.    यदि गुरु न बनाया हो तो निम्नलिखित गुरु मंत्र 21 बार जपें ।... 
॥ ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥
8.   कम से कम 1008 जाप करना चाहिए । न कर सकें तो जितना आप कर सकते हैं उतना करें ।
9.  बगलामुखी साधना से सभी प्रकार की शत्रु बाधा से मुक्ति प्राप्त होती है ।


बुधवार, 18 मार्च 2020

धूमावती शाबर साधना







सप्तम ज्योति धूमावती प्रगटी
।। धूमावती ।।



ॐ पाताल निरंजन निराकार, आकाश मण्डल धुन्धुकार, आकाश दिशा से कौन आये, कौन रथ कौन असवार, आकाश दिशा से धूमावन्ती आई, काक ध्वजा का रथ अस्वार आई थरै आकाश, विधवा रुप लम्बे हाथ, लम्बी नाक कुटिल नेत्र दुष्टा स्वभाव, डमरु बाजे भद्रकाली, क्लेश कलह कालरात्रि । डंका डंकनी काल किट किटा हास्य करी । जीव रक्षन्ते जीव भक्षन्ते जाजा जीया आकाश तेरा होये । धूमावन्तीपुरी में वास, न होती देवी न देव तहा न होती पूजा न पाती तहा न होती जात न जाती तब आये श्रीशम्भुजती गुरु गोरखनाथ आप भयी अतीत ।

ॐ धूं धूं धूमावती स्वाहा ।




1.      महाविद्या धूमावती  का शाबर मंत्र है ।
2.   नवरात्रि मे यथा संभव जाप करें ।
3.   सबसे पहले यदि गुरु बनाया हो तो उनका दिया हुआ मंत्र 21 बार जपें । 
4.   यदि गुरु न बनाया हो तो निम्नलिखित गुरु मंत्र 21 बार जपें ।... 
॥ ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥
5.    कम से कम 1008 जाप करना चाहिए । न कर सकें तो जितना आप कर सकते हैं उतना करें ।
6.  धूमावती  साधना से सभी प्रकार की तंत्र बाधा से मुक्ति प्राप्त होती है ।


मंगलवार, 17 मार्च 2020

त्रिपुरभैरवी साधना







षष्टम ज्योति भैरवी प्रगटी ।
।। त्रिपुर भैरवी ।।


ॐ सती भैरवी भैरो काल यम जाने यम भूपाल तीन नेत्र तारा त्रिकुटा, गले में माला मुण्डन की । अभय मुद्रा पीये रुधिर नाशवन्ती ! काला खप्पर हाथ खंजर, कालापीर धर्म धूप खेवन्ते वासना गई सातवें पाताल, सातवें पाताल मध्ये परम-तत्त्व परम-तत्त्व में जोत, जोत में परम जोत, परम जोत में भई उत्पन्न काल-भैरवी, त्रिपुर-भैरवी, सम्पत्त-प्रदा-भैरवी, कौलेश-भैरवी, सिद्धा-भैरवी, विध्वंसिनि-भैरवी, चैतन्य-भैरवी, कामेश्वरी-भैरवी, षटकुटा-भैरवी, नित्या-भैरवी । जपा अजपा गोरक्ष जपन्ती यही मन्त्र मत्स्येन्द्रनाथजी को सदा शिव ने कहायी । ऋद्ध फूरो सिद्ध फूरो सत श्रीशम्भुजती गुरु गोरखनाथजी अनन्त कोट सिद्धा ले उतरेगी काल के पार, भैरवी भैरवी खड़ी जिन शीश पर, दूर हटे काल जंजाल भैरवी मन्त्र बैकुण्ठ वासा । अमर लोक में हुवा निवासा ।

ॐ ह्सैं ह्स्क्ल्रीं ह्स्त्रौः




1.      महाविद्या त्रिपुरभैरवी  का शाबर मंत्र है ।
2.   नवरात्रि मे यथा संभव जाप करें ।
3.   सबसे पहले यदि गुरु बनाया हो तो उनका दिया हुआ मंत्र 21 बार जपें । 
4.   यदि गुरु न बनाया हो तो निम्नलिखित गुरु मंत्र 21 बार जपें ।... 
॥ ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥
5.    कम से कम 1008 जाप करना चाहिए । न कर सकें तो जितना आप कर सकते हैं उतना करें ।
6.  त्रिपुरभैरवी  साधना से सभी प्रकार की तंत्र बाधा से मुक्ति प्राप्त होती है ।


शनिवार, 7 मार्च 2020

पति अनुकूलन प्रयोग : होलीका दहन विशेष


पति से झगड़ा और कडवे संबंध गृहस्थ जीवन की सबसे बड़ी समस्या है....
अपने पति से समरसता बनाने के लिए ... इस मंत्र का प्रयोग करें ।
॥ यह केवल आपस मे विवाहित पति पत्नी के लिए काम करेगा, दूसरे की पत्नी/पति  को अनुकूल बनाने या प्रेमी/प्रेमिका को अनुकूल बनाने के लिए इस मंत्र का प्रयोग आपको नुकसान और अपयश प्रदान करेगा  

"हथेली में हनुमन्त बसै, भैरु बसे कपार ।
नरसिंह की मोहिनी, मोहे सब संसार ।
मोहन रे मोहन्ता वीर, सब वीरन में तेरा सीर ।
सबकी नजर बाँध दे, तेल सिन्दूर चढ़ाऊँ तुझे ।
तेल सिन्दूर कहाँ से आया ?
कैलास-पर्वत से आया ।
कौन लाया, अञ्जनी का हनुमन्त,गौरी का गनेश लाया ।
काला, गोरा, तोतला-तीनों बसे कपार ।
बिन्दा तेल सिन्दूर का, दुश्मन गया पाताल ।
दुहाई कमिया सिन्दूर की,
हमें देख शीतल हो जाए भरतार ।
दुहाई महादेव पार्वती की ।
बस जाये मेरा परिवार ।
सत्य नाम, आदेश गुरु का ।
फूरो मंत्र ईश्वरो वाचा ।


जाप के अंत मे तीन बार निम्नलिखित मंत्र बोलें ।
॥ ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥ 


1.      कामिया सिन्दूर मिल जाये तो उसे सामने रख लें.
2.   कामिया सिंदूर न मिले तो उस कुमकुम को या बिंदी को रख लें जिसका आप उपयोग करती हैं ।
3.   इस मन्त्र को रोज 108 बार जाप , होलिका दहन वाली पूर्णिमा से प्रारंभ कर अगली पूर्णिमा तक करें.
4.   इसका जाप रात मे करना श्रेष्ठ है, लेकिन संभव न हो तो आप दिन मे भी कर सकते हैं ।
5.    इसका टीका  [बिंदी] लगाकर पति के पास जाएँ. टीका लगाते समय महामाया से प्रार्थना करें कि मेरा पति मेरे अनुकूल हो .
6.  ऐसा नित्य करें तो पति धीरे धीरे अनुकूल होने लगता है.
7.    ऐसा नहीं है कि इससे वह आपके आदेश का गुलाम हो जाएगा , वह आपके प्रति सद्भावना से युक्त होने लगेगा .
8.   इसके साथ साथ अपना व्यवहार भी अच्छा और शांत रखें. बेवजह की तानाकशी और टिप्पणी से बचें. ससुराल वालों को कोसना और मीन मेख निकालना भी कम करें .
9.  मुस्कुराए . क्योंकि मुस्कुराहट सबसे बड़ा सम्मोहन है. खुश रहें ।  

शनिवार, 4 जनवरी 2020

श्री त्रिपुर सुंदरी शाबर मंत्र




।। महाविद्या षोडशी-त्रिपुर सुन्दरी शाबर मंत्र ।।

ॐ निरञ्जन निराकार अवधू मूल द्वार में बन्ध लगाई । 
पवन पलटे गगन समाई
ज्योति मध्ये ज्योत ले स्थिर हो भई । 
ॐ मध्याः उत्पन्न भई । 
उग्र त्रिपुरा सुन्दरी शक्ति आवो शिवधर बैठो
मन उनमन
बुध सिद्ध चित्त में भया नाद । 
तीनों एक त्रिपुर सुन्दरी भया प्रकाश । 
हाथ चाप शर धर एक हाथ अंकुश । 
त्रिनेत्रा अभय मुद्रा योग भोग की मोक्षदायिनी । 
इडा पिंगला सुषम्ना देवी । 
नागन जोगन त्रिपुर सुन्दरी । 
उग्र बाला, रुद्र बाला ,
तीनों ब्रह्मपुरी में भया उजियाला । 
योगी के घर जोगन बाला, ब्रह्मा विष्णु शिव की माता ।



श्री त्रिपुर सुंदरी मंत्र 

श्रीं ह्रीं क्लीं । ऐं सौः ॐ । ह्रीं श्रीं ।
कएईलह्रीं । हसकहल ह्रीं । सकल ह्रीं । 
श्रीं ह्रीं । ॐ सोः ऐं । क्लीं ह्रीं श्रीं ।

विधि :-
  • रात्री काल मे जाप करें । 
  • आर्थिक तथा वैवाहिक सुख प्रदायक । 

मंगलवार, 31 दिसंबर 2019

कामाख्या शक्तिपीठ का वस्त्र : तंत्र बाधा की अचूक काट







असम के कामाख्या शक्तीपीठ को तंत्र साधनाओं का मूल माना जाता है । ऐसा माना जाता है की यहाँ देवी का योनि भाग गिरा था और इसे योनि पीठ या मातृ पीठ की मान्यता है । 

यहाँ का प्रमुख पर्व है अंबुवाची मेला जब प्रत्येक वर्ष तीन दिनों के लिए यह मंदिर पूरी तरह से बंद रहता है। माना जाता है कि माँ कामाख्या इस बीच रजस्वला होती हैं। और उनके शरीर से रक्त निकलता है। इस दौरान शक्तिपीठ की अध्यात्मिक शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए देश के विभिन्न भागों से यहां तंत्रिक और साधक जुटते हैं। आस-पास की गुफाओं में रहकर वह साधना करते हैं।

चौथे दिन माता के मंदिर का द्वार खुलता है। माता के भक्त और साधक दिव्य प्रसाद पाने के लिए बेचैन हो उठते हैं। यह दिव्य प्रसाद होता है लाल रंग का वस्त्र जिसे माता राजस्वला होने के दौरान धारण करती हैं। माना जाता है वस्त्र का टुकड़ा जिसे मिल जाता है उसके सारे कष्ट और विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं।

https://www.amarujala.com/spirituality/religion/kamakhya-mandir-ambubachi-mela



यदि आपको इस वस्त्र का एक धागा भी मिल जाये तो उसके निम्न लाभ माने जाते हैं :-

  1. इसे ताबीज मे भरकर पहन लें तंत्र बाधा यानि किए कराये का असर नहीं होगा।
  2. यह सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। 
  3. इसे धरण करने से आकर्षण बढ़ता है। 
  4. आपसी प्रेम मे वृद्धि तथा गृह क्लेश मे कमी आती है । 
  5. इसे साथ रखकर किसी भी कार्य या यात्रा मे जाएँ तो सफलता की संभावना बढ़ जाएगी । 
  6. दुकान के गल्ले मे लाल कपड़े मे बांध कर रखें तो व्यापार मे अनुकूलता मिलेगी । 

रविवार, 22 दिसंबर 2019

तंत्र बाधा के लिए काली शाबर मंत्र


काली काली महाकाली ,

ब्रह्मा की बेटी इंद्र की साली,

दोनों हाथ बजावे ताली |

हंकिनी डंकिनी को भस्म करे ,

अल्लाह बिस्मिल्लाह को भस्म करे |

नौ नाथ चौरासी सिद्धों को भस्म करे ,

नौ नरसिंह सोलह सीन्डुओं को भस्म करे |

बावन वीर , चौंसठ योगिनी को भस्म करे |

अस्सी मसान , नब्बे भैरों को भस्म करे |

लगे लगाए को भस्म करे  

भेजे भेजाये को भस्म करे |

भूत प्रेत पिशाच डाकिनी शाकिनी को भस्म करे |

चले काली का खंडा, दुष्ट राक्षस का उड़ जाए मुंडा |

जादू जंतर मंतर तंतर को कर दे भस्म |

जय काली कलकत्ते वाली मेरा वचन न जाये खाली  |

तेरी आन गुरु की शान फुरो मंत्र ईश्वरी वाचा । 

  • ग्रहण काल मे 1008 बार जपकर सिद्धि करें । 
  • प्रयोग मे मंत्र को 11 बार पढ़कर मोरपंख से झाड़ा दें ।