बुधवार, 1 जुलाई 2020

गुरु दीक्षा

गुरु दीक्षा देते हुए सद्गुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी 


गुरुवार, 25 जून 2020

अकाल मृत्यु टालने वाला दुर्लभ मंत्र

गुरुदेव नारायण दत्त श्रीमाली जी की आवाज मे अकाल मृत्यु निवारक मंत्र ।
इस मंत्र को निरंतर सुनते रहने से अकाल मृत्यु तथा रोग निवारण मे लाभदायक है । 



मंगलवार, 16 जून 2020

नवरात्रि : महाकाली शाबर मंत्र

प्रथम ज्योति महाकाली प्रगटली ।




ॐ निरंजन निराकार अवगत पुरुष तत सार
तत सार मध्ये ज्योत
ज्योत मध्ये परम ज्योत
परम ज्योत मध्ये उत्पन्न भई माता 
शम्भु शिवानी काली ओ काली काली महाकाली
कृष्ण वर्णीशव वाहनीरुद्र की पोषणी
हाथ खप्पर खडग धारी
गले मुण्डमाला हंस मुखी । 
जिह्वा ज्वाला दन्त काली । 
मद्यमांस कारी श्मशान की राणी । 
मांस खाये रक्त-पी-पीवे । 
भस्मन्ति माई जहाँ पर पाई तहाँ लगाई । 
सत की नाती , धर्म की बेटी । 
इन्द्र की साली , काल की काली । 
जोग की जोगीननागों की नागीन । 
मन माने तो संग रमाई, नहीं तो श्मशान फिरे । 
अकेली चार वीर अष्ट भैरोंघोर काली अघोर काली । 
अजर महाकाली । 
बजर अमर काली । 
भख जून निर्भय काली । 

बला भखदुष्ट को भख
काल भख, पापी पाखण्डी को भख । 

जती सती को रख । 

ॐ काली तुम बाला ना वृद्धादेव ना दानवनर ना नारी देवीजी तुम तो हो परब्रह्मा काली ।



मूल मंत्र -

क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा ।



विधि -

  1. महाकाली की कृपा प्रदान करेगा ।
  2. अपनी क्षमतानुसार 1, 3,9,11,21,51,108 बार जाप रात्रिकाल मे करें।
  3. नवरात्रि मे करने से विशेष लाभदायक होगा। 
  4. धूप जलाकर रखें । 

मंगलवार, 9 जून 2020

कामाख्या शक्तिपीठ का वस्त्र : तंत्र बाधा की अचूक काट







असम के कामाख्या शक्तीपीठ को तंत्र साधनाओं का मूल माना जाता है । ऐसा माना जाता है की यहाँ देवी का योनि भाग गिरा था और इसे योनि पीठ या मातृ पीठ की मान्यता है । 

यहाँ का प्रमुख पर्व है अंबुवाची मेला जब प्रत्येक वर्ष तीन दिनों के लिए यह मंदिर पूरी तरह से बंद रहता है। माना जाता है कि माँ कामाख्या इस बीच रजस्वला होती हैं। और उनके शरीर से रक्त निकलता है। इस दौरान शक्तिपीठ की अध्यात्मिक शक्ति बढ़ जाती है। इसलिए देश के विभिन्न भागों से यहां तंत्रिक और साधक जुटते हैं। आस-पास की गुफाओं में रहकर वह साधना करते हैं।

चौथे दिन माता के मंदिर का द्वार खुलता है। माता के भक्त और साधक दिव्य प्रसाद पाने के लिए बेचैन हो उठते हैं। यह दिव्य प्रसाद होता है लाल रंग का वस्त्र जिसे माता राजस्वला होने के दौरान धारण करती हैं। माना जाता है वस्त्र का टुकड़ा जिसे मिल जाता है उसके सारे कष्ट और विघ्न बाधाएं दूर हो जाती हैं।

https://www.amarujala.com/spirituality/religion/kamakhya-mandir-ambubachi-mela



यदि आपको इस वस्त्र का एक धागा भी मिल जाये तो उसके निम्न लाभ माने जाते हैं :-

  1. इसे ताबीज मे भरकर पहन लें तंत्र बाधा यानि किए कराये का असर नहीं होगा।
  2. यह सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। 
  3. इसे धरण करने से आकर्षण बढ़ता है। 
  4. आपसी प्रेम मे वृद्धि तथा गृह क्लेश मे कमी आती है । 
  5. इसे साथ रखकर किसी भी कार्य या यात्रा मे जाएँ तो सफलता की संभावना बढ़ जाएगी । 
  6. दुकान के गल्ले मे लाल कपड़े मे बांध कर रखें तो व्यापार मे अनुकूलता मिलेगी । 

मंगलवार, 2 जून 2020

महाकाली शाबर मंत्र

प्रथम ज्योति महाकाली प्रगटली ।




ॐ निरंजन निराकार अवगत पुरुष तत सार
तत सार मध्ये ज्योत
ज्योत मध्ये परम ज्योत
परम ज्योत मध्ये उत्पन्न भई माता 
शम्भु शिवानी काली ओ काली काली महाकाली
कृष्ण वर्णीशव वाहनीरुद्र की पोषणी
हाथ खप्पर खडग धारी
गले मुण्डमाला हंस मुखी । 
जिह्वा ज्वाला दन्त काली । 
मद्यमांस कारी श्मशान की राणी । 
मांस खाये रक्त-पी-पीवे । 
भस्मन्ति माई जहाँ पर पाई तहाँ लगाई । 
सत की नाती , धर्म की बेटी । 
इन्द्र की साली , काल की काली । 
जोग की जोगीननागों की नागीन । 
मन माने तो संग रमाई, नहीं तो श्मशान फिरे । 
अकेली चार वीर अष्ट भैरोंघोर काली अघोर काली । 
अजर महाकाली । 
बजर अमर काली । 
भख जून निर्भय काली । 

बला भखदुष्ट को भख
काल भख, पापी पाखण्डी को भख । 

जती सती को रख । 

ॐ काली तुम बाला ना वृद्धादेव ना दानवनर ना नारी देवीजी तुम तो हो परब्रह्मा काली ।



मूल मंत्र -

क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा ।



1.      महाविद्या महाकाली का शाबर मंत्र है ।
2.   
3.   सबसे पहले यदि गुरु बनाया हो तो उनका दिया हुआ मंत्र 21 बार जपें । 
4.   यदि गुरु न बनाया हो तो निम्नलिखित गुरु मंत्र 21 बार जपें ।... 
॥ ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥
5.    कम से कम 1008 जाप करना चाहिए । न कर सकें तो जितना आप कर सकते हैं उतना करें ।

6.  महाकाली साधना से सभी प्रकार से सुरक्षा और कृपा प्राप्त होती है । 

शुक्रवार, 29 मई 2020

एकाक्षी नारियल : लक्ष्मी कृपा

एकाक्षी नारियल 


हर गृहस्थ व्यक्ति की यह इच्छा होती है कि उसके पास धन का अभाव न रहे ।  धन की प्राप्ति के लिए प्रयास आवश्यक है ।  उसके साथ साथ यदि आप देवी लक्ष्मी की साधना या कुबेर की साधना जैसे उपाय करें तब भी आपके प्रयासों को जल्दी सफलता मिलती है । 


इसके अलावा कुछ तांत्रिक वस्तुएं भी ऐसी हैं जो मुश्किल से मिलती है । लेकिन उनको घर में रखने मात्र से ही लक्ष्मी प्राप्ति की संभावनाएं बढ़ जाती है । 


इनमें से कई चीजें बेहद दुर्लभ है और कुछ चीजें कठिन है मगर मिल जाती है वैसी ही एक वस्तु है एकाक्षी नारियल । 


सामान्य नारियल में दो आंखें और एक मुह होता है अर्थात कुल मिलाकर तीन काले बिंदु होते हैं ।  



एकाक्षी नारियल में एक ही आंख होती है अर्थात उसमें कुल मिला कर दो काले बिंदु होते हैं ।  




यह नारियल मुश्किल से मिलता है मगर मिलता है ।  ऐसा नारियल अगर आपको प्राप्त हो जाए तो उसे लाल कपड़े पर रखकर से धूप दीप दिखाएँ और उसी लाल कपड़े में बांधकर उस स्थान पर रख दें, जहां पर आप पैसे रखते हैं । 

जैसे तिजोरी या लॉकर ।  इससे लक्ष्मी प्राप्ति में सहयोग मिलता है । 


लक्ष्मी का तात्पर्य केवल धन के आगमन को ही माना जाता है । आप ध्यान दें तो यदि धन का जाना भी कम हो जाए अर्थात आप का खर्च कम हो जाए तो वह भी एक प्रकार से लक्ष्मी का आगमन ही है । 


कई परिवारों में अनावश्यक रूप से बीमारियों या इसी प्रकार की किसी अवांछित घटना के चलते धन का लगातार खर्च बढ़ता रहता है । ऐसी परिस्थितियों में भी एकाक्षी नारियल रखने या लक्ष्मी साधना करने से अनुकूलता मिल सकती है और बेवजह के खर्चों में कमी आने से आर्थिक स्थिति बेहतर हो सकती है ...... 


सिद्ध मुहूर्त :-

  1. अक्षय तृतीया

  2. शरद पूर्णिमा 

  3. मकर संक्रांति 


अक्षय तृतीया का पर्व पूरे वर्ष में एक बार आता है ।  ज्योतिषीय व्याख्या के अनुसार यह पूरे वर्ष का ऐसा दिन होता है जिसमें किसी क्षण का भी क्षय या कमी नहीं होती है अर्थात यह पूर्णता का प्रतीक है या दूसरे शब्दों में कहें तो एक ऐसी स्थिति का प्रतीक है जिसमें कमी की गुंजाइश नहीं रहती है । 


दीपावली के अलावा लक्ष्मी साधना के लिए यह तीनों दिन अत्यंत ही सिद्ध मुहूर्त है ।  इस मे से किसी भी एक दिन या सभी दिन इस नारियल के सामने लक्ष्मी साधना करने से धन-धान्य और ऐश्वर्य में वृद्धि होती है .. 



मंगलवार, 26 मई 2020

मैं गर्भस्थ बालक को चेतना देता हूँ

अभिमन्यु की कथा आपने सुनी होगी । उसने गर्भ मे ही चक्रव्युह का ज्ञान प्राप्त कर लिया था ....

विश्वविख्यात तंत्र विशेषज्ञ सद्गुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी द्वारा उन गोपनीय मंत्रों का उच्चारण किया गया है जिससे गर्भस्थ शिशु चेतना प्राप्त कर लेता है ...
गर्भस्थ शिशु को ज्ञानी तथा बुद्धिमान बनाने के लिए गर्भवती माता इसे सुने । 


पाँच मुखी रुद्राक्ष के प्रयोग

 पाँच मुखी रुद्राक्ष 



  • पञ्च मुखी रुद्राक्ष सहजता से मिल जाता है। 
  • यह पंच देवों का स्वरूप है । 
  • शिवकृपा देता है । 
  • उच्च रक्तचाप HIGH BP में लाभदायक है । 
  • शिवरात्रि या किसी सोमवार को 1008 बार "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप कर धारण करने से रक्षा कवच का काम करता है . इसे पहनने से नजर/तंत्र /टोटका से रक्षा मिलती है .
  • अमावस्या, कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी , शिवरात्रि या किसी सोमवार को अपने सामने चौकी मे इसे रखकर  1008 बार "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप बेलपत्र या पुष्प चढ़ाते हुए करे। इसे अपने वाहन मे रखें । दुर्घटनाओं मे रक्षा प्रदान करेगा । 
  • किसी को ऊपरी बाधा लग रही हो तो हनुमानजी को चोला चढ़ाने के समय पांचमुखी रुद्राक्ष उनके चरणों के पास रखें । हनुमान चालीसा का 11 पाठ करें । हर पाठ के बाद उनके बाएँ पांव से सिंदूर लेकर रुद्राक्ष पर लगाएँ ।  फिर पीड़ित को पहना दें । और फिर से 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें । लाभ होगा । 
  • घर की रक्षा के लिए पाँच मुखी रुद्राक्ष के 11 दाने ले लें । उसे कटोरी मे गंगा जल मे डूबा दें । 1008 बार " ॐ नमः शिवाय शिवाय नमः ॐ " मंत्र का जाप करें । हर दिन जल बदल देंगे । पहले दिन के जल को घर मे छिड़क देंगे । 11 दिन तक नित्य ऐसा करें । 11 दिन के बाद सफ़ेद या लाल कपड़े मे बांधकर घर के मुख्य द्वार के ऊपर लटका दें । रोज धूप दिखाते रहें । 
  • इसे साथ मे रखने से ही बहुत सारी नकारात्मक शक्तियाँ भाग जाती हैं । 

गुरुवार, 16 अप्रैल 2020

महाविद्या महाकाली का शाबर मंत्र




प्रथम ज्योति महाकाली प्रगटली ।
॥महाकाली ॥

ॐ निरंजन निराकार अवगत पुरुष तत सार, तत सार मध्ये ज्योत, ज्योत मध्ये परम ज्योत, परम ज्योत मध्ये उत्पन्न भई माता शम्भु शिवानी काली ओ काली काली महाकाली, कृष्ण वर्णी, शव वहानी, रुद्र की पोषणी, हाथ खप्पर खडग धारी, गले मुण्डमाला हंस मुखी । जिह्वा ज्वाला दन्त काली । मद्यमांस कारी श्मशान की राणी । मांस खाये रक्त-पी-पीवे । भस्मन्ति माई जहाँ पर पाई तहाँ लगाई । सत की नाती धर्म की बेटी इन्द्र की साली काल की काली जोग की जोगीन, नागों की नागीन मन माने तो संग रमाई नहीं तो श्मशान फिरे अकेली चार वीर अष्ट भैरों, घोर काली अघोर काली अजर ।। महाकाली ।।

बजर अमर काली भख जून निर्भय काली बला भख, दुष्ट को भख, काल भख पापी पाखण्डी को भख जती सती को रख, ॐ काली तुम बाला ना वृद्धा, देव ना दानव, नर ना नारी देवीजी तुम तो हो परब्रह्मा काली ।

क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं दक्षिणे कालिके क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा


1.      महाविद्या महाकाली का शाबर मंत्र है ।
2.   नवरात्रि मे यथा संभव जाप करें ।
3.   सबसे पहले यदि गुरु बनाया हो तो उनका दिया हुआ मंत्र 21 बार जपें । 
4.   यदि गुरु न बनाया हो तो निम्नलिखित गुरु मंत्र 21 बार जपें ।... 
॥ ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥
5.    कम से कम 1008 जाप करना चाहिए । न कर सकें तो जितना आप कर सकते हैं उतना करें ।
6.  महाकाली साधना से सभी प्रकार से सुरक्षा और कृपा प्राप्त होती है ।


गुरुवार, 19 मार्च 2020

कमला शाबर मंत्र






दसवीं ज्योति कमला प्रगटी ।
।। कमला ।।

ॐ अ-योनी शंकर ॐ-कार रुप, कमला देवी सती पार्वती का स्वरुप । हाथ में सोने का कलश, मुख से अभय मुद्रा । श्वेत वर्ण सेवा पूजा करे, नारद इन्द्रा । देवी देवत्या ने किया जय ॐ-कार । कमला देवी पूजो केशर पान सुपारी, चकमक चीनी फतरी तिल गुग्गल सहस्र कमलों का किया हवन । कहे गोरख, मन्त्र जपो जाप जपो ऋद्धि सिद्धि की पहचान गंगा गौरजा पार्वती जान । जिसकी तीन लोक में भया मान । कमला देवी के चरण कमल को आदेश ।

॥ ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्रीं सिद्ध-लक्ष्म्यै नमः ॥



1.      महाविद्या कमला  का शाबर मंत्र है ।
2.   नवरात्रि मे यथा संभव जाप करें ।
3.   सात्विक आहार विचार और आचार  रखें ।
4.   ब्रह्मचर्य का पालन करे  
5.    किसी प्रकार का नशा न करें ।
6.  सबसे पहले यदि गुरु बनाया हो तो उनका दिया हुआ मंत्र 21 बार जपें । 
7.    यदि गुरु न बनाया हो तो निम्नलिखित गुरु मंत्र 21 बार जपें ।... 
॥ ॐ परम तत्वाय नारायणाय गुरुभ्यो नमः ॥
8.   कम से कम 1008 जाप करना चाहिए । न कर सकें तो जितना आप कर सकते हैं उतना करें ।
9.  कमला  साधना से व्यापार मे लाभ होता है ....