यदि आपका पति आपसे विरक्त हो गया हो तो इस साधना से अनुकूलता मिलेगी |
"हथेली में हनुमन्त बसै, भैरु बसे कपार।
नरसिंह की मोहिनी, मोहे सब संसार।
मोहन रे मोहन्ता वीर, सब वीरन में तेरा सीर।
सबकी नजर बाँध दे, तेल सिन्दूर चढ़ाऊँ तुझे।
तेल सिन्दूर कहाँ से आया ?
कैलास-पर्वत से आया।
कौन लाया, अञ्जनी का हनुमन्त,गौरी का गनेश लाया।
काला, गोरा, तोतला-तीनों बसे कपार।
बिन्दा तेल सिन्दूर का, दुश्मन गया पाताल।
दुहाई कमिया सिन्दूर की, हमें देख शीतल हो जाए।
सत्य नाम, आदेश गुरु की।
- कामिया सिन्दूर मिल जाये तो उसे सामने रख लें.
- इस मन्त्र को रोज 1008 बार जाप पूरी नवरात्री करें .
- इसका टीका [बिंदी] लगाकर पति के पास जाएँ.
- ऐसा नित्य करें तो पति धीरे धीरे अनुकूल होने लगता है.
- यह केवल आपके स्वयं के विवाहित पति के लिए काम करेगा . प्रेमी के लिए काम नहीं करेगा .
- इसका तात्पर्य यह न समझें कि पति आपका गुलाम हो जाएगा । सामान्य मर्यादा और अनुकूल भाषा का प्रयोग बेहतर परिणाम देगा ।
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