Y शाबर मंत्रों की साधना
किसी भी जाति ,
धर्म या लिंग का व्यक्ति कर सकता है.
Y इन मन्त्रों का संयोजन
विभिन्न संतों और योगियों ने अलग अलग भाषाओँ में किया है, ये लगभग
सभी भाषाओँ में पाए जाते हैं.
Y इनका संयोजन अजीब होता
है ,
कई बार ये निरर्थक शब्द जैसे लगते हैं पर उन्हें यथावत पढ़ना और
प्रयोग करना चाहिए.
Y शाबर मंत्र की साधना में
गुरु की आवश्यकता होती है. गुरु के साथ की गई साधनायें जल्द सफल होती हैं.
Y इन साधनों में आचार
विचार की शुद्धता और पवित्रता से जल्द लाभ होता है.
Y शाबर मंत्र के जनक
आदिदेव महादेव हैं ,
इसलिए हर साधना से पहले महादेव और पारवती का पूजन अनिवार्य है.
Y शाबर मन्त्रों में दुहाई
दी जाती है,
इसमें अपने गुरु ,महादेव पार्वती और इष्ट की
दुहाई विशेष रूप से दी जाती है.
शाबर मन्त्र साधनाएं कैसे करें
·
सर्वश्रेष्ट तो यह है की आप गुरु खोजें
और उनसे मंत्र प्राप्त करें.
·
गुरु मंत्र का 11000 जाप करें . फिर
दूसरी साधना करें.
·
यदि गुरु न मिले तो निम्नलिखित
मन्त्रों में से किसी एक मंत्र का 11000 जाप करें फिर साधना प्रारंभ करें.:-
१] शिव पंचाक्षरी मंत्रम :-
:: ॐ नमः शिवाय ::
२] महाकाली बीज मंत्रम :-
|| ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ॐ ||
३] शिव शक्ति मंत्रम :-
|| ॐ साम्ब सदाशिवाय नमः ||
४] शिव गुरु मंत्रम :-
|| ॐ महादेवाय जगद्गुरुवे नमः ||
जप कैसे करें:-
- रुद्राक्ष की माला आसानी से मिल जाती है आप उसी
से जाप कर सकते हैं.
- गुरु मन्त्र का जाप करने के बाद उस माला को सदैव
धारण कर सकते हैं.
- इस प्रकार आप मंत्र जाप की उर्जा से जुड़े
रहेंगे और यह रुद्राक्ष माला एक रक्षा कवच की तरह काम करेगा.
- गुरु मंत्र का नित्य जाप करते रहना चाहिए.
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