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गुरुवार, 24 अगस्त 2017

शबर साधनाएं : सामान्य निर्देश

Y    शाबर मंत्रों की साधना किसी भी जाति , धर्म या लिंग का व्यक्ति कर सकता है.
Y    इन मन्त्रों का संयोजन विभिन्न संतों और योगियों ने अलग अलग भाषाओँ में किया है, ये लगभग सभी भाषाओँ में पाए जाते हैं.
Y    इनका संयोजन अजीब होता है , कई बार ये निरर्थक शब्द जैसे लगते हैं पर उन्हें यथावत पढ़ना और प्रयोग करना चाहिए.
Y    शाबर मंत्र की साधना में गुरु की आवश्यकता होती है. गुरु के साथ की गई साधनायें जल्द सफल होती हैं.
Y    इन साधनों में आचार विचार की शुद्धता और पवित्रता से जल्द लाभ होता है.
Y    शाबर मंत्र के जनक आदिदेव महादेव हैं , इसलिए हर साधना से पहले महादेव और पारवती का पूजन अनिवार्य है. 
Y    शाबर मन्त्रों में दुहाई दी जाती है, इसमें अपने गुरु ,महादेव पार्वती और इष्ट की दुहाई विशेष रूप से दी जाती है.


शाबर मन्त्र साधनाएं कैसे करें 



·        सर्वश्रेष्ट तो यह है की आप गुरु खोजें और उनसे मंत्र प्राप्त करें.
·        गुरु मंत्र का 11000 जाप करें . फिर दूसरी साधना करें.
·        यदि गुरु न मिले तो निम्नलिखित मन्त्रों में से किसी एक मंत्र का 11000 जाप करें फिर साधना प्रारंभ करें.:-
१] शिव पंचाक्षरी मंत्रम :-

:: ॐ नमः शिवाय ::

२] महाकाली बीज मंत्रम :-

|| ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ||

३] शिव शक्ति मंत्रम :-

|| ॐ साम्ब सदाशिवाय नमः ||

४] शिव गुरु मंत्रम :-

|| ॐ महादेवाय जगद्गुरुवे नमः ||



जप कैसे करें:-

  • रुद्राक्ष की माला आसानी से मिल जाती है आप उसी से जाप कर सकते हैं.
  • गुरु मन्त्र का जाप करने के बाद उस माला को सदैव धारण कर सकते हैं.
  • इस प्रकार आप मंत्र जाप की उर्जा से जुड़े रहेंगे और यह रुद्राक्ष माला एक रक्षा कवच की तरह काम करेगा.
  • गुरु मंत्र का नित्य जाप करते रहना चाहिए.

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