|| ॐ वज्र का सीकड़ ! वज्र का किवाड़ ! वज्र बंधे दसो द्वार ! वज्र का सीकड़ से पी बोल ! गहे दोष हाथ न लगे ! आगे वज्र किवाड़ भैरो बाबा ! पसारी चौसठ योगिनी रक्षा कारी ! सब दिशा रक्षक भूतनाथ !दुहाई इश्वर , महादेव, गौरा पारवती की ! दुहाई माता काली की ||
- १००८ बार जपकर सिद्ध करें.
- प्रयोग के समय ११ बार बोलकर अपने शरीर पर हाथ फेर दें.
- पूजन में बैठ रहे हों तो अपने चरों ओर घेरा बना लें . इससे सुरक्षा रहेगी .
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