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- पञ्च मुखी रुद्राक्ष ले लें . यह 10 रु से कम मूल्य पर बाजार में मिल जाता है .
- इसे गाय के दूध में शिवरात्रि की रात भर डूबा कर रखें .
- इसको अपने सामने लाल कपडे में रखकर निम्नलीखित मन्त्र का 11 बार जाप करें .
- सुबह गंगा जल से धो लें.
- अगर आपने तांत्रिक गुरु धारण किया है तो गुरु के स्थान पर अपने गुरु का नाम भी ले सकते हैं .
|| ॐ नमो सत्य नाम आदेश गुरु को |ॐ नमो नजर जहां पर पीर न जानी | बोले छ्लसों अमृतबानी , कहो नजर कहाँ ते आई | यहाँ कौ ठौर तोही कौन बताई | कौन जात तेरो कहाँ ठाम | किसकी बेटी कहा तेरो नाम | कहाँ से उडी कहाँ को जाया | अब ही बस कर ले तेरी माया | मेरी जात सुना चितलाय | जैसी होय सुनाऊं आय | तेलन, तमोलन, चुह्डी, चमारी, कायथनी, खतरानी, कुम्हारी, महतरानी, राजा की रानी | जाको दोष ताहि के सर पड़े | निखिल पीर नजर से रक्षा करे | मेरी भक्ति गुरु की शक्ति , फुरो मन्त्र इश्वरी वाचा ||
- अब यदि बड़ा बच्चा है तो लाल या काले धागे में पहना दें.
- यदि कर सके तो बालक हर सोमवार को रुद्राक्ष सामने रखकर 11 बार जाप करें फिर पहन ले .
- यदि छोटा शिशु है तो उसके तकिये के नीचे रखें .
- शिवरात्रि को रुद्राक्ष सामने रखकर 11 बार जाप करें तथा वापस तकिये के नीचे रख दें |
- रुद्राक्ष साक्षात् शिव का प्रतीक है और उनसे बड़ा कोई रक्षक नहीं इसलिए यह सभी प्रकार से रक्षा करता है .
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