|| शाबर जागरण मन्त्र ||
सत नमो आदेश ! गुरूजी को आदेश !
ॐ गुरूजी !
ड़ार शाबर बर्भर जागे ,
जागे अढैया और बराट
मेरा जगाया न जागे
तो तेरा नरक कुंड में वास !
दुहाई शाबरी माई की !
दुहाई शाबरनाथ की !
आदेश गुरु गोरख को !
|| विधि ||
इस मन्त्र को प्रतिदिन गोबर का कंडा सुलगाकर उसपर गुगल डाले और इस मन्त्र का १०८ बार जाप करे ! जब तक मन्त्र जाप हो गुगल सुलगती रहनी चाहिये ! यह क्रिया आपको २१ दिन करनी है , अच्छा होगा आप यह मन्त्र अपने गुरु के मुख से ले या किसी योग्य साधक के मुख से ले ! गुरु कृपा ही सर्वोपरि है कोई भी साधना करने से पहले गुरु आज्ञा जरूर ले !
|| प्रयोग विधि ||
जब भी कोई साधना करे तो इस मन्त्र को जप से पहले ११ बार पढ़े और जप समाप्त होने पर ११ बार दोबारा पढ़े मन्त्र का प्रभाव बढ़ जायेगा ! यदि कोई मन्त्र बार बार सिद्ध करने पर भी सिद्ध न हो तो ...
- दो लाल कपडे[आधा-आधा मीटर का ] मंगवाए और एक घड़ा भी पहले से मंगवा कर रखे ! किसी भी मंगलवार या रविवार के दिन उस मन्त्र[जिसे सिद्ध करना है] को भोजपत्र या कागज़ पर केसर में गंगाजल मिलाकर अनार की कलम से या बड के पेड़ की कलम से लिख ले !
- फिर किसी लकड़ी के चौकी/फट्टे पर एक लाल वस्त्र बिछाएं और उस वस्त्र पर उस भोजपत्र को स्थापित करे ! घी का दीपक जलाये , अग्नि पर गुगल सुलगाये और शाबरी देवी [ माँ पार्वती] का पूजन करे.
- उपरोक्त मन्त्र को १०८ बार जपे.अब जिस मन्त्र को जगाना है उसे १०८ बार जपे और दोबारा फिर उपरोक्त मन्त्र का १०८ बार जप करे !
- जिस लाल कपडे पर भोजपत्र स्थापित किया गया है उस लाल कपडे में ही भोजपत्र को लपेट कर घड़े के अन्दर रखे.
- दुसरे लाल कपडे से भोजपत्र का मुह बांध दे और दोबारा उस कलश का पूजन करे और शाबरी माता से मन्त्र जगाने के लिए प्रार्थना करे.
- उस कलश को बहते पानी में बहा दे ! घर से इस कलश को बहाने के लिए ले जाते समय और पानी में कलश को बहाते समय जिस मन्त्र को जगाना है उसका जाप करते रहे !
- यह क्रिया एक बार करने से ही प्रभाव देती है पर फिर भी इस क्रिया को ३ बार करना चाहिये मतलब रविवार को फिर मंगलवार को फिर दोबारा रविवार को !
भगवान् आदिनाथ और माँ शाबरी आप सबको योग्यतानुसार मन्त्र सिद्धि प्रदान करे ! शेष गुरु इच्छा ....
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