रविवार, 7 जनवरी 2018

रुद्राक्ष रक्षा कवच

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  1. पञ्च मुखी रुद्राक्ष ले लें . यह 10 रु से कम मूल्य पर बाजार में मिल जाता है .

  1. इसे गाय के दूध में रात भर डूबा कर रखें .
  2. सुबह गंगा जल से धो लें.
  3. इसको अपने सामने लाल कपडे में रखकर निम्नलीखित मन्त्र का 11 बार जाप करें .
  4. अगर आपने तांत्रिक गुरु धारण किया है तो गुरु के स्थान पर अपने गुरु का नाम भी ले सकते हैं .
|| ॐ नमो सत्य नाम आदेश गुरु को |ॐ नमो नजर जहां पर पीर न जानी | बोले छ्लसों अमृतबानी , कहो नजर कहाँ ते आई | यहाँ कौ ठौर तोही कौन बताई | कौन जात तेरो कहाँ ठाम | किसकी बेटी कहा तेरो नाम | कहाँ से उडी कहाँ को जाया | अब ही बस कर ले तेरी माया | मेरी जात सुना चितलाय | जैसी होय सुनाऊं आय | तेलन, तमोलन, चुह्डी, चमारी, कायथनी, खतरानी, कुम्हारी, महतरानी, राजा की रानी | जाको दोष ताहि के सर पड़े | निखिल पीर नजर से रक्षा करे | मेरी भक्ति गुरु की शक्ति , फुरो मन्त्र इश्वरी वाचा || 
  • अब यदि बड़ा बच्चा है तो लाल या काले धागे में पहना दें बालक हर सोमवार को रुद्राक्ष सामने रखकर 11 बार जाप करें फिर पहन ले .
  • यदि छोटा शिशु है तो उसके तकिये के नीचे रखें .
  • हर सोमवार को रुद्राक्ष सामने रखकर 11 बार जाप करें तथा वापस तकिये के नीचे रख दें | 
  • रुद्राक्ष साक्षात् शिव का प्रतीक है और उनसे बड़ा कोई रक्षक नहीं इसलिए यह सभी प्रकार से रक्षा करता है .
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शाबर मन्त्र कुछ तथ्य :- 
·         इन मन्त्रों का संयोजन विभिन्न संतों और योगियों ने अलग अलग भाषाओँ में किया हैये लगभग सभी भाषाओँ में पाए जाते हैं.
·        इनका संयोजन अजीब होता है , कई बार ये निरर्थक शब्द जैसे लगते हैं पर उन्हें यथावत पढ़ना और प्रयोग करना चाहिए.
·        शाबर मंत्र की साधना में गुरु की आवश्यकता होती है. गुरु के साथ की गई साधनायें जल्द सफल होती हैं.
·        इन साधनों में आचार विचार की शुद्धता और पवित्रता से जल्द लाभ होता है.
·        शाबर मंत्र के जनक आदिदेव महादेव हैं , इसलिए हर साधना से पहले महादेव और पार्वती का पूजन अनिवार्य है. 
·        शाबर मन्त्रों में दुहाई दी जाती हैइसमें अपने गुरु ,महादेव पार्वती और इष्ट की दुहाई विशेष रूप से दी जाती है.
शाबर मन्त्र साधनाएं कैसे करें 
Y      सर्वश्रेष्ट तो यह है की आप गुरु खोजें और उनसे मंत्र प्राप्त करें.
Y      गुरु मंत्र का 11000 जाप करें . फिर दूसरी साधना करें.
Y      यदि गुरु न मिले तो निम्नलिखित मन्त्रों में से किसी एक मंत्र का 11000 जाप करें फिर साधना प्रारंभ करें.:-
१] शिव पंचाक्षरी मंत्रम :-                   :: ॐ नमः शिवाय ::
२] महाकाली बीज मंत्रम :-                          || ॐ क्रीं क्रीं क्रीं  ||
३] शिव शक्ति मंत्रम :-                                   || ॐ साम्ब सदाशिवाय नमः ||
४] शिव गुरु मंत्रम :-                                     || ॐ महादेवाय जगद्गुरुवे नमः ||
जप कैसे करें:-
  • सामन्यतः रुद्राक्ष की माला आसानी से मिल जाती है आप उसी से जाप कर सकते हैं. गुरु मन्त्र का जाप करने के बाद उस माला को सदैव धारण कर सकते हैं.इस प्रकार आप मंत्र जाप की उर्जा से जुड़े रहेंगे और यह रुद्राक्ष माला एक रक्षा कवच की तरह काम करेगा.
  • गुरु मंत्र का नित्य जाप करते रहना चाहिए.
  • जप संख्या रोज एक सामान रखें तो बेहतर होगा . इष्ट गुरु तथा मन्त्र पर अगाध श्रद्धा रखें .
  • सभी मन्त्रों को ग्रहण जैसे विशेष अवसरों पर जाप करके जागृत करते रहना चाहिए
मंत्र साधना करते समय सावधानियां
Y      मन्त्र तथा साधना को गुप्त रखें, ढिंढोरा ना पीटें, बेवजह अपनी साधना की चर्चा करते ना फिरें .
Y      गुरु तथा इष्ट के प्रति अगाध श्रद्धा रखें .
Y      आचार विचार व्यवहार शुद्ध रखें.
Y      बकवास और प्रलाप न करें.
Y      किसी पर गुस्सा न करें.
Y      यथासंभव मौन रहें.अगर सम्भव न हो तो जितना जरुरी हो केवल उतनी बात करें.
Y      किसी स्त्री का चाहे वह नौकरानी क्यों न होअपमान न करें.
Y      जप और साधना का ढोल पीटते न रहेंइसे यथा संभव गोपनीय रखें.
Y      बेवजह किसी को तकलीफ पहुँचाने के लिए और अनैतिक कार्यों के लिए मन्त्रों का प्रयोग न करें.
Y      ऐसा करने पर परदैविक प्रकोप होता है जो सात पीढ़ियों तक अपना गलत प्रभाव दिखाता है.
Y      इसमें मानसिक या शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों का जन्म , लगातार गर्भपात, सन्तान ना होना , अल्पायु में मृत्यु या घोर दरिद्रता जैसी जटिलताएं भावी पीढ़ियों को झेलनी पड सकती है |
Y      भूत, प्रेत, जिन्न,पिशाच जैसी साधनाए भूलकर भी ना करें , इन साधनाओं से तात्कालिक आर्थिक लाभ जैसी प्राप्तियां तो हो सकती हैं लेकिन साधक की साधनाएं या शरीर कमजोर होते ही उसे असीमित शारीरिक मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है | ऐसी साधनाएं करने वाला साधक अंततः उसी योनी में चला जाता है |
गुरु और देवता का कभी अपमान न करें.

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2 टिप्‍पणियां:

  1. maine suna hai ki kavach keval unhi ki Raksha karte hain jinka man swachha hai .agar kisi bure insan ne kavach Dharan kiya ho to kya kavach uski raksha karega.

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  2. हाँ कुछ हद तक |
    लेकिन गलत हरकतें कवच की शक्ति कम करते जाएँगी और वह शक्तिहीन हो जायेगा

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