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शाबर मन्त्रों के साधकों के लिए एक प्रमाणिक और अद्भुत शाबर मन्त्रों का दिव्य संकलन है.
इसमें विभिन्न मन्त्रों तथा उनके प्रयोग की प्रमाणिक विधियाँ भी दी गयी हैं.
प्रत्येक शाबर साधक को इस ग्रन्थ को अपने पास सहेजकर रखना चाहिए.
इसमें षट्कर्म से लेकर महाविद्या साधना तक हर क्षेत्र को सहेजा गया है.
वर्षों से तंत्र क्षेत्र में प्रमाणिक पुस्तकों के प्रकाशन के लिए प्रसिद्द चंडी प्रकाशन द्वारा प्रकाशित होना ही इसके प्रमाणिक होने का प्रमाण है.
शाबर मंत्र संग्रह
[१२ भागों में ]
मनिआर्डर द्वारा मूल्य भेजकर मंगाने का पता तथा फ़ोन :-
प्रकाशक :-
कल्याण मंदिर प्रकाशन
श्री चंडी धाम
अलोपी देवी मार्ग
प्रयाग - 211006
फोन - 0532-2502783
मोबाईल -94502-22767
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शाबर मन्त्र कुछ तथ्य :-
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इन मन्त्रों का
संयोजन विभिन्न संतों और योगियों ने अलग अलग भाषाओँ में किया है, ये लगभग सभी भाषाओँ में पाए जाते हैं.
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इनका संयोजन अजीब होता है , कई बार ये निरर्थक शब्द जैसे लगते हैं पर उन्हें यथावत पढ़ना और प्रयोग
करना चाहिए.
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शाबर मंत्र की साधना में गुरु की आवश्यकता होती है.
गुरु के साथ की गई साधनायें जल्द सफल होती हैं.
·
इन साधनों में आचार विचार की शुद्धता और पवित्रता से
जल्द लाभ होता है.
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शाबर मंत्र के जनक आदिदेव महादेव हैं , इसलिए हर साधना से पहले महादेव और पार्वती का पूजन अनिवार्य है.
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शाबर मन्त्रों में दुहाई दी जाती है, इसमें अपने गुरु ,महादेव पार्वती और इष्ट की
दुहाई विशेष रूप से दी जाती है.
शाबर मन्त्र साधनाएं कैसे करें
Y सर्वश्रेष्ट तो यह
है की आप गुरु खोजें और उनसे मंत्र प्राप्त करें.
Y गुरु मंत्र का 11000
जाप करें . फिर दूसरी साधना करें.
Y यदि गुरु न मिले तो
निम्नलिखित मन्त्रों में से किसी एक मंत्र का 11000 जाप करें फिर साधना प्रारंभ करें.:-
१] शिव पंचाक्षरी मंत्रम :- :: ॐ नमः शिवाय ::
२] महाकाली बीज मंत्रम :- || ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ॐ ||
३] शिव शक्ति मंत्रम :- || ॐ साम्ब
सदाशिवाय नमः ||
४] शिव गुरु मंत्रम :- || ॐ महादेवाय
जगद्गुरुवे नमः ||
जप कैसे करें:-
- सामन्यतः
रुद्राक्ष की माला आसानी से मिल जाती है आप उसी से जाप कर सकते हैं. गुरु
मन्त्र का जाप करने के बाद उस माला को सदैव धारण कर सकते हैं.इस प्रकार आप
मंत्र जाप की उर्जा से जुड़े रहेंगे और यह रुद्राक्ष माला एक रक्षा कवच की
तरह काम करेगा.
- गुरु
मंत्र का नित्य जाप करते रहना चाहिए.
- जप
संख्या रोज एक सामान रखें तो बेहतर होगा . इष्ट गुरु तथा मन्त्र पर अगाध
श्रद्धा रखें .
- सभी
मन्त्रों को ग्रहण जैसे विशेष अवसरों पर जाप करके जागृत करते रहना चाहिए
मंत्र साधना करते समय सावधानियां
Y
मन्त्र तथा साधना को गुप्त रखें, ढिंढोरा
ना पीटें, बेवजह अपनी साधना की चर्चा करते ना फिरें .
Y
गुरु तथा इष्ट के प्रति अगाध श्रद्धा रखें .
Y
आचार विचार व्यवहार शुद्ध रखें.
Y
बकवास और प्रलाप न करें.
Y किसी पर गुस्सा
न करें.
Y यथासंभव मौन
रहें.अगर सम्भव न हो तो जितना जरुरी हो केवल उतनी बात करें.
Y किसी स्त्री का
चाहे वह नौकरानी क्यों न हो, अपमान न करें.
Y जप और साधना का
ढोल पीटते न रहें, इसे यथा संभव गोपनीय रखें.
Y बेवजह किसी को
तकलीफ पहुँचाने के लिए और अनैतिक कार्यों के लिए मन्त्रों का प्रयोग न करें.
Y ऐसा करने पर
परदैविक प्रकोप होता है जो सात पीढ़ियों तक अपना गलत प्रभाव दिखाता है.
Y इसमें मानसिक
या शारीरिक रूप से विकलांग बच्चों का जन्म , लगातार
गर्भपात, सन्तान ना होना , अल्पायु में
मृत्यु या घोर दरिद्रता जैसी जटिलताएं भावी पीढ़ियों को झेलनी पड सकती है |
Y भूत, प्रेत,
जिन्न,पिशाच जैसी साधनाए भूलकर भी ना करें ,
इन साधनाओं से तात्कालिक आर्थिक लाभ जैसी प्राप्तियां तो हो सकती
हैं लेकिन साधक की साधनाएं या शरीर कमजोर होते ही उसे असीमित शारीरिक मानसिक
प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है | ऐसी साधनाएं करने वाला
साधक अंततः उसी योनी में चला जाता है |
गुरु और देवता
का कभी अपमान न करें.
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प्रणाम भाई साहब,जय माताजी की,
जवाब देंहटाएंमैंं नरेन्द्रकुमार वसुनिया, निवासी जिला-झाबुआ का होकर हमने ऑनलाईन शाबर मंत्र संग्रह भाग 1,3,4,5,6,7,9 एवं 10 डॉउनलोड कर अध्ययन कर साधना सम्पन्न की हैं लाभ भी हुआ है ा शेष् शाबर मंत्र संग्रह भाग 2 एवं 8 जो ऑनलाईन उपलब्ध नहीं हैं ा मंगवाना चाहते हैं ा व भाग 11 एवं 12 की भी आवश्यकता हैं ा क्रपया मार्गदर्शन करें ा सम्पर्क हेतु हमारा मोबाईल नंबर 9977576367 हैं व ई-मैल एड्रेस nkvasuniya@gmail.com
आप प्रकाशक महोदय से फोन द्वारा संपर्क करें ।
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