|| ओम एक ठो सरसों सौला राइ मोरो पटवल को रोजाई खाय खाय पड़े भार जे करे ते मरे उलट विद्या ताहि पर परे शब्द साँचा पिंड काँचा हनुमान का मंत्र सांचा फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ||
- यदि किसी के ऊपर तांत्रिक अभिचार कर दिया हो तो इस मन्त्र का प्रयोग करें .
- थोड़ी सी राई, सरसों तथा नमक मिला कर रख ले, इसके बाद इस मंत्र का जाप करते हुए सात बार रोगी का उतारा करे .उतरा का मतलब सर से लेकर पैर तक लाना |
- फिर जलती हुई भट्टी/चूल्हा/ अग्नि में यह सामग्री झोंक दे तो सारा मायाजाल वापस चला जायेगा..
Y शाबर मंत्रों की साधना किसी भी जाति , धर्म या लिंग का व्यक्ति कर सकता है.
Y इन मन्त्रों का संयोजन विभिन्न संतों और योगियों ने अलग अलग भाषाओँ में किया है, ये लगभग सभी भाषाओँ में पाए जाते हैं.
Y इनका संयोजन अजीब होता है , कई बार ये निरर्थक शब्द जैसे लगते हैं पर उन्हें यथावत पढ़ना और प्रयोग करना चाहिए.
Y शाबर मंत्र की साधना में गुरु की आवश्यकता होती है. गुरु के साथ की गई साधनायें जल्द सफल होती हैं.
Y इन साधनों में आचार विचार की शुद्धता और पवित्रता से जल्द लाभ होता है.
Y शाबर मंत्र के जनक आदिदेव महादेव हैं , इसलिए हर साधना से पहले महादेव और पारवती का पूजन अनिवार्य है.
Y शाबर मन्त्रों में दुहाई दी जाती है, इसमें अपने गुरु ,महादेव पार्वती और इष्ट की दुहाई विशेष रूप से दी जाती है.
शाबर मन्त्र साधनाएं कैसे करें
· सर्वश्रेष्ट तो यह है की आप गुरु खोजें और उनसे मंत्र प्राप्त करें.
· गुरु मंत्र का 11000 जाप करें . फिर दूसरी साधना करें.
· यदि गुरु न मिले तो निम्नलिखित मन्त्रों में से किसी एक मंत्र का 11000 जाप करें फिर साधना प्रारंभ करें.:-
१] शिव पंचाक्षरी मंत्रम :-
:: ॐ नमः शिवाय ::
२] महाकाली बीज मंत्रम :-
|| ॐ क्रीं क्रीं क्रीं ॐ ||
३] शिव शक्ति मंत्रम :-
|| ॐ साम्ब सदाशिवाय नमः ||
४] शिव गुरु मंत्रम :-
|| ॐ महादेवाय जगद्गुरुवे नमः ||
जप कैसे करें:-
- रुद्राक्ष की माला आसानी से मिल जाती है आप उसी से जाप कर सकते हैं.
- गुरु मन्त्र का जाप करने के बाद उस माला को सदैव धारण कर सकते हैं.
- इस प्रकार आप मंत्र जाप की उर्जा से जुड़े रहेंगे और यह रुद्राक्ष माला एक रक्षा कवच की तरह काम करेगा.
- गुरु मंत्र का नित्य जाप करते रहना चाहिए.
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें