काल भैरव साधना निम्नलिखित परिस्थितियों में लाभकारी है :-
- शत्रु बाधा.
- तंत्र बाधा.
- इतर योनी से कष्ट.
- उग्र साधना में रक्षा हेतु.
|| काल भेरों कपाली जटा ,
हत्थ बराडा कुंद बड़ा ,
काला भैरों हाजिर खड़ा ,
चाम की गुत्थी लौंग की विभूत
भेरों भगाए मरी मसान प्रेत भूत
लगे लगाये करे भस्मी भूत
काली बिल्ली लोहे की पखर
गुरु सिखाये अढाई आखर ,
अढाई आखर गए गुरु के पास
गुरु बुलाये काली आये
काली का लगा चक्कर,
भेरों बाबा का लगे थप्पड़,
लगा लगाया , किया कराया, भेजा भेजाया, सब साफ़ ख़तम. ||
हत्थ बराडा कुंद बड़ा ,
काला भैरों हाजिर खड़ा ,
चाम की गुत्थी लौंग की विभूत
भेरों भगाए मरी मसान प्रेत भूत
लगे लगाये करे भस्मी भूत
काली बिल्ली लोहे की पखर
गुरु सिखाये अढाई आखर ,
अढाई आखर गए गुरु के पास
गुरु बुलाये काली आये
काली का लगा चक्कर,
भेरों बाबा का लगे थप्पड़,
लगा लगाया , किया कराया, भेजा भेजाया, सब साफ़ ख़तम. ||
विधि :-
- रात्रि कालीन साधना है.
- रात्रि 9 से 4 के बीच करें.
- काला आसन और वस्त्र रहेगा.
- रुद्राक्ष या काली हकिक माला से जाप करें.
- १०८ बार जाप करें.
- जाप के बाद मंत्र में स्वाहा लगाकर २१ बार लोबान से हवन कर लें.
- अंत में एक कुत्ते को भोजन करा दें. काला कुत्ता हो तो बेहतर.
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