ॐ नमो आदेश गुरु को | नमो सिद्ध गणपति प्रसादात विघ्न हर्तुम गणपत गणापत वसो मसाण |
जो फल चाहूं सो फल आण , पञ्च लाडूँ , सिर सिन्दूर , रिद्धि सिद्धि आण | गौरी का पुत्र सिंहासन बैठा | रजा काम्पै प्रजा काम्पै दृष्टे राजा सिम चाम्पे| पञ्च कोष पूर्व पश्चिम से आण उत्तर से आण दक्षिण से आण | इतनी कर रिद्धि सिद्धि मेरे घर द्वार आण| राजा प्रजा अभी मेरो पड़े पाँव न पड़े तो लाजे मैया गौरी | जो मै देखूं गणेश बाला कर मंत्र का सत की फट फट स्वाहा |- 1600 बार जाप करने से सिद्ध हो जाएगा.
- जाप के समय गुग्गुल का धुप जलता रहे तो अच्छा है.
- भोजपत्र पर लिख कर उसके सामने जाप करें
- जाप के बाद ताबीज में भरकर पहन लें या धन रखने के स्थान में रख लें.
- दूकान हो तो वहां गल्ले में भी रख सकते हैं.
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