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मंगलवार, 21 अक्तूबर 2014

अघोर 108 महालक्ष्मी ताबीज



  1. भोजपत्र 
  2. अष्टगंध
  3. कुमकुम.
  4. चांदी की लेखनी , चांदी के छोटे से तार से भी लिख सकते हैं.
  5. उचित आकार का एक ताबीज जिसमे यह यंत्र रख कर आप पहन सकें.
  6. दीपावली की रात या किसी भी अमावस्या की रात को कर सकते हैं.

विधि विधान :-
 
  • धुप अगर बत्ती जला दें.
  • संभव हो तो घी का दीपक जलाएं.
  • स्नान कर के बिना किसी वस्त्र का स्पर्श किये पूजा स्थल पर बिना किसी आसन के जमीन पर बैठें.
  • अघोर अवस्था में इस यन्त्र का निर्माण अष्टगंध से भोजपत्र पर करें.
  • इस प्रकार 108 बार श्रीं [लक्ष्मी बीज मंत्र] लिखें.
  • हर मन्त्र लेखन के साथ मन्त्र का जाप भी मन में करतेरहें.
  • यंत्र लिख लेने के बाद 108 माला " ॐ श्रीं ॐ " मंत्र का जाप यंत्र के सामने करें.
  • एक माला पूर्ण हो जाने पर एक श्रीं के ऊपर कुमकुम की एक बिंदी लगा दें.
  • इस प्रकार १०८ माला जाप जाप पूरा होते तक हर "श्रीं"  पर बिंदी लग जाएगी.
  • जाप पूरा हो जाने के बाद इस यंत्र को ताबीज में डाल कर गले में धारण कर लें.
  • कोशिश यह करें की इसे न उतारें. उतारते ही इसका प्रभाव ख़तम हो जायेगा. 
  • आर्थिक अनुकूलता प्रदान करता है.

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